केदारनाथ धाम में स्थानीय तीर्थ पुरोहितों के आवासों के सामने गड्ढा किए जाने एवं तीर्थ पुरोहितों के उत्पीड़न पर उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने नाराजगी जताई है। महा पंचायत ने बिना तीर्थ पुरोहितों की सहमति के कपाट बंद के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा एक तरफा कार्रवाई की निंदा की है। शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की कार्यवाही का महापंचायत विरोध करेगी। इस संदर्भ में जल्दी तीर्थ पुरोहितों का एक प्रतिनिधिमंडल उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखेगा। महा पंचायत ने कार्यवाही न रुकने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
यह प्रेस को जारी एक संयुक्त बयान में महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और महासचिव डॉ बृजेश सती ने कहा कि विगत दिनों केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के आवासो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने प्रशासन की ओर से गड्ढे किए गए । जिससे उनके आवास और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आने जाने का मार्ग बंद हो गया है। इसके अलावा भवन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
महापंचायत के पदाधिकरियो ने कहा कि स्थानीय प्रशासन की एक तरफा कार्रवाई का महापंचायत विरोध करती है । महा पंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और महासचिव बृजेश सती ने चेतावनी देते हुए कहा यदि स्थानीय प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्यवाही आगे भी जारी रही तो ,जल्दी ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहित आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
बताया कि इस संदर्भ में जल्दी ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का प्रतिनिधि मंडल शासन के उच्च अधिकारियों से मिलकर अपना पक्ष रखेगा।
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