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पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नगर निगम देहरादून को आवास बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नगर निगम देहरादून को आवास बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रदेश की 582 मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीबों को भले ही केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना से अपने आशियाने की सौगात न मिल पाई हो लेकिन अब राज्य सरकार उनके लिए आवास बनाएगी। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नगर निगम देहरादून को आवास बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद गरीबों के लिए प्रदेशभर में आवास बनाए जाएंगे।

वर्ष 2015 में शुरू हुई पीएम आवास योजना में मलिन बस्तियों के पुनर्वास के लिए पीपीपी मोड पर आवास बनाने की सुविधा दी गई थी। 2022 में केंद्र सरकार ने यह सुविधा बंद कर दी। इन सात साल में राज्य के एक भी निकाय ने मलिन बस्तियों के पुनर्वास के लिए आवास निर्माण का प्रस्ताव शहरी विकास विभाग को नहीं भेजा।

राज्य सरकार इन बस्तियों के लिए अब अपने स्तर से आवास बनाने की योजना बना रही है। नगर निगम देहरादून ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच ऐसे स्थान चिन्ह्ति कर लिए हैं। निगम इसकी विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार कर रहा है। डीपीआर शासन को भेजे जाने के बाद ही तय होगा कि यह आवास कैसे होंगे? इन पर होने वाले खर्च का इंतजाम कैसे होगा?

मलिन बस्तियों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हम देहरादून में आवास बनाने जा रहे हैं। यह सफल होने के बाद भविष्य में प्रदेश की अन्य मलिन बस्तियों के लिए भी ऐसा किया जाएगा। -आनंदबर्द्धन, अपर मुख्य सचिव, शहरी विकास

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