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पीएम मोदी ने वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति को निशाना बनाया गया। देश अपनी विरासत पर गर्व करना भूल गया था। अब समय का चक्र बदल गया है। देश अब गुलामी की सोच से मुक्त हो रहा है। गुलामी के कालखंड में अत्याचार हुआ। देश आधुनिकता में भी तेजी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि योग और खेल को जीवन का हिस्सा बनाएं। फिटनेस को जीवन का हिसा बनाएं। हम काशी के विकास के लिए काम कर रहे हैं। आज हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है। कुछ हफ्तों में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार, समाज और संतगण, सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए काम कर रहे हैं। काशी का मतलब स्वच्छता और बदलाव है। पानी की बूंद-बूंद बचाना जरूरी है। वाराणसी में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की। हमने काशी जैसे जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों का आशीर्वाद लिया।

पीएम मोदी ने कहा कि स्वर्वेद मंदिर भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक सामर्थ्य का एक आधुनिक प्रतीक है। इसकी दीवारों पर स्वर्वेद को बड़ी सुंदरता के साथ अंकित किया गया है। वेद, उपनिषद, रामायण, गीता और महाभारत आदि ग्रन्थों के दिव्य संदेश भी इसमें चित्रों के जरिये उकेरे गए हैं। इसलिए ये मंदिर एक तरह से अध्यात्म, इतिहास और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।पीएम मोदी ने कहा कि संतों के सानिध्य में काशी के लोगों ने मिलकर विकास और नवनिर्माण के कितने ही नए कीर्तिमान गढ़े हैं।  सरकार, समाज और संतगण सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए कार्य कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज स्वर्वेद मंदिर बनकर तैयार होना, इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है। ये महामंदिर महृषि सदाफल देव जी की शिक्षाओं और उनके उपदेशों का प्रतीक है।  इस मंदिर की दिव्यता जितना आकर्षित करती है, इसकी भव्यता हमे उतना ही अचंभित भी करती है।

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