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उत्तराखंड में हर्बल सेक्टर को बढ़ावा देने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जोर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आयोजित जड़ी-बूटी सलाहकार समिति की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में हर्बल और औषधीय उत्पादों के विकास के लिए गांवों में क्लस्टर बनाकर व्यवस्थित रूप से कार्य किया जाए।

मुख्य दिशा-निर्देश:

हिमालयी हर्बल उत्पादों का संवर्धन:

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उपलब्ध जड़ी-बूटी और औषधीय पौधों के संवर्धन और प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान।

श्रेष्ठ प्रथाओं का अध्ययन:

जड़ी-बूटी एवं एरोमा सेक्टर में अग्रणी राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस सीखने के लिए विशेषज्ञ टीम भेजी जाएगी, ताकि नवाचार उत्तराखंड में लागू किए जा सकें।

हर्बल इकोनॉमी को बढ़ावा:

  • अनुसंधान, नवाचार, उत्पादन, विपणन और ब्रांडिंग पर समन्वित कार्य।
  • किसानों को अधिकतम लाभ, स्थानीय स्वरोजगार और महिलाओं को आर्थिक रूप से जोड़ने पर जोर।
  • पंतनगर विश्वविद्यालय के सहयोग से वैल्यू एडिशन, प्रसंस्करण और प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

जंगली जीवों से सुरक्षा:

जिन क्षेत्रों में भालू या अन्य जंगली जीवों से फसल और जीवन को खतरा है, वहां कृषि एवं वन विभाग की संयुक्त टीम भेजकर सुरक्षा उपाय और फसल संरक्षण की जानकारी दी जाएगी।

बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग:

  • कृषि मंत्री गणेश जोशी
  • उपाध्यक्ष जड़ी-बूटी सलाहकार समिति भुवन विक्रम डबराल
  • प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एस.एन. पांडेय
  • अन्य अधिकारी: वी. षणमुगम, विजय कुमार जोगदंडे, वंदना, अनुराधा पाल

मुख्य उद्देश्य:
उत्तराखंड की प्राकृतिक हर्बल संपदा का लाभ उठाते हुए राज्य में हर्बल इकोनॉमी को मजबूत करना, किसानों और महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बढ़ाना और स्थानीय स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना।