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कांग्रेस के गढ़वाल लोस प्रत्याशी गोदियाल ने कहा, उनके ऊपर बदरीनाथ, केदारनाथ व गोपीनाथ की असीम कृपा

कांग्रेस के गढ़वाल लोस प्रत्याशी गोदियाल ने कहा, उनके ऊपर बदरीनाथ, केदारनाथ व गोपीनाथ की असीम कृपा

गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार गणेश गोदियाल ने जोशीमठ व गोपेश्वर में आयोजित जनसभा में कहा कि ” पहाड़ के लोगों के प्रेम व भरोसे ने उन्हें बड़ा बना दिया, एक गरीब परिवार के व्यक्ति को लोकसभा चुनाव लड़ने लायक बना दिया, आप लोगों के प्रेम और भरोसे की ताकत से मैं और मेरी पार्टी, धनबल से लैस सत्तारूढ़ दल(भाजपा) का मुकाबला कर रहे हैं, आज का चुनाव 1982 जैसी शक्ल ले चुका है, उस समय आपने पर्वत पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा को झुकने नहीं दिया और इस बार विरोधियों को जीतने(भाजपा) नहीं दोगे।”

उन्होंने कहा कि चमोली और रुद्रप्रयाग की जनता का राठ क्षेत्र के लोगों के साथ शुरू से ही मधुर संबंध रहे हैं। सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में अपने दायित्वों का निर्वहन करने वाली कई ऐसी शख्सियत हुईं हैं जिन्हें बदरीनाथ,केदार नाथ और गोपीनाथ की पवित्र धरती की जनता का सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्हें भी भगवान की सेवा का सौभाग्य मिला है। उस दौरान कई मंदिरों का जीर्णोधार किया गया, जो भगवान की इच्छा और लोगों की प्रेरणा से संभव हुआ।

गोदियाल ने कहा कि गढ़वाल लोकसभा का आज का चुनाव 1982 जैसे चुनाव की शक्ल ले चुका है। 1982 में पर्वत पुत्र व राष्ट्रीय नेता हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्र सरकार के खिलाफ चुनाव लड रहे थे, किंतु पहाड़ के लोगों ने बहुगुणा जी को जिताकर उनके फैसले को उचित ठहराया। आज भी वही स्थिति है। भाजपा की केंद्र सरकार साम, दाम,दंड,भेद की नीति अपनाकर मुझे हराना चाहती है और गढ़वाल की जनता गणेश गोदियाल को संसद में भेजने का मन बना चुकी है।

गोदियाल ने कहा कि भाजपा अंकिता भंडारी प्रकरण में वीवीआईपी का नाम उजागर नही करना चाहती है। कांग्रेस लगातार इस मामले को उठा रही है। भाजपा अपराधी प्रवृति के चेहरों को बचाना चाहती है इसलिए इस मामले में भाजपा के बड़े नेता भी किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से बच रहे हैं। उन्होंने भाजपा में शामिल हुए राजेन्द्र भंडारी के बारे में कहा कि उन्हे मैं अपना भाई मानता था, लेकिन लालच के कारण वे भाजपा में गए। पुरानी पेंशन, अग्निवीर योजना, ईलेट्रॉल बॉन्ड के नाम से चंदा लेना आदि मुद्दों पर कांग्रेस ने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया।

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