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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब कार्रवाई की आंच सरकारी अधिकरियों और कर्मचारियों तक भी पहुंचने वाली है। एसआइटी ने एसएसपी के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्र लिखकर प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की सिफारिश की है।
विभागीय कार्रवाई गड़बड़ी के समय सब रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात रहे अधिकारियों और कर्मचारियों पर की जा सकती है। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में पत्रावली गायब करने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने जांच कराई। जांच में पता चला था कि जालसाजों ने रजिस्ट्रार कार्यालय में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है।
इस मामले में 15 जुलाई को सब रजिस्ट्रार कार्यालय के महानिरीक्षक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया था। उस दौरान वर्ष 2000 से अब तक रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात रहे 31 अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम की भी सूची सौंपी गई थी। इनमे से कुछ की मौत भी हो चुकी है।
वहीं कई अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। पुलिस की एसआइटी ने जब मुकदमे की जांच शुरू की तो एक के बाद एक 17 गिरफ्तारियां हुईं। अब तक कुल नौ मुकदमे भी विभिन्न प्रकरणों में दर्ज हो चुके हैं।
लापरवाही सामने आई
एसआइटी की जांच में सब रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आई है। ऐसे में एसआइटी प्रभारी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जिलाधिकारी को इन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
की है। बताया जा रहा है कि अधिकतर फर्जीवाड़ा वर्ष 2016 से 2021 के बीच किया गया है। ऐसे में इस बीच तैनात रहे कार्मिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है