ताजा खबरें >- :

यूथ .20 समिट के तीसरे सत्र में आयोजित पैनल डिस्कसन में खेल और फिटनेस विषय पर चर्चा की गई।

देहरादून – एम्स ऋषिकेश में आयोजित यूथ-20 कंन्सल्टेशन समिट के दूसरे दिन उदघाटन के दौरान होलेस्टिक हेल्थ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि देश का प्रत्येक युवा शारीरिक और मानसिक तौर से पूर्ण स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए हमें युवाओं का भविष्य संवारना होगा।

जी-20 देशों के विभिन्न युवा प्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य और युवाओं के समग्र विकास पर आधारित सामूहिक परिचर्चा यूथ-20 समिट के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में देर सांय तक जारी रही। शुक्रवार को समिट के मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने यूथ-20 सम्मेलन की प्राथमिकताओं पर व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि हमारे देश के युवा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को विशेष पहिचान दिलाएं। यह तभी संभव है जब देश के युवा स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा पाएंगे। कहा कि मोदी जी के विजन का ही परिणाम है कि आज देश में डेढ़ लाख से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। खेलों के माध्यम से युवाओं को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में शुरू की गयी ’खेलो इंडिया योजना’ को उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए विशेष कल्याणकारी योजना बताया।

यूथ .20 समिट के तीसरे सत्र में आयोजित पैनल डिस्कसन में खेल और फिटनेस विषय पर चर्चा की गई। इस सत्र में पेनलिस्ट कर्नल आर एस जामवाल, प्रख्यात पर्वातारोही, ले कर्नल डी डी गोयल, विदिषा बालियान ऐथलीट, भरत सचदेवा हेल्थ कनस्लटेंट, इलयाष पटेल, डॉ साइकत मन्डल सीनियर क्लीनिकल फैलो शामिल थे। जबकि सवाल करने वालों में मोडरेटर सेवानिर्वत प्रो ले0 कर्नल अकुंर सब्बरवाल साइकोलोजिस्ट, एम्स ऋषिकेश की डॉ0 भावना गुप्ता शामिल थे।एम्स मंगलागिरी के निदेशक प्रो0 मुकेश त्रिपाठी ने बताया कि खेल में हार को स्वीकार करके फिर से जीत की उम्मीद बनाए रखना अनिवार्य होता है।पर्वतारोही कर्नल आरएस जामवाल से पूछे गए सवाल के जबाव में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और इस क्षेत्र को साहसिक और चुनौती पूर्ण बताया। दो दिन के इस सम्मेलन का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ।

Related Posts