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आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने त्यौहारों के पहले एक बार फिर लोगों को बड़ा तोहफा दिया है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने त्यौहारों के पहले एक बार फिर लोगों को बड़ा तोहफा दिया है।

नई दिल्ली – आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने त्यौहारों के पहले एक बार फिर लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। लगातार चौथी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा, “सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।” इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी के अनुमानों में भी कोई बदलाव नहीं किया है।

आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि सरकारी खर्चे से निवेश की रफ्तार में तेजी आई है।  FY24 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा गया है। तीसरी तिमाही के लिए भी विकास दर का अनुमान 6% पर ही अपरिवर्तित रखा गया है। इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि पॉलिसी दरों के लंबे समय तक ऊंची दरों पर बने रहने का अनुमान है।अपने संबोधन के दौरान आरबीआई गवर्नर ने बैंक और एनबीएफसी को अपना सर्विलांस सिस्टम मजबूत करने की सलाह दी है। उन्होंने बैंको से कहा है कि वे अपने अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कर्ज देने में करें। आरबीआई गवर्नर ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए गोल्ड लोन की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर चाार लाख रुपये करने का एलान किया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई वैश्विक स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता रहेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और संभावित जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।

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