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मुख्य सेवक के रूप में जिम्मेदारी की भूमिका पूरी तरह न्याय करने की कोशिश रहेगी; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

मुख्य सेवक के रूप में जिम्मेदारी की भूमिका पूरी तरह न्याय करने की कोशिश रहेगी; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

 ‘किसे क्या भूमिका देनी है, भाजपा में यह पार्टी नेतृत्व तय करता है। पार्टी ने मुझे जब भी कोई काम दिया, मैंने अपनी भूमिका को शिद्दत से निभाया है। अब मुख्य सेवक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है तो इस भूमिका से भी पूरी तरह न्याय करने की कोशिश रहेगी।’ यह कहना है उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का। ‘बतौर मुख्यमंत्री धामी को विधानसभा चुनाव से पहले छह-सात महीने का कार्यकाल ही मिल पाएगा, लेकिन उनका कहना है कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा सरकार के पूरे पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के साथ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से उत्तराखंड में जितने काम हुए, वह उससे पहले कभी नहीं हुए। जनता इस बात को भलीभांति समझती है कि भाजपा ही प्रदेश का विकास कर सकती है।

उत्तराखंड में भाजपा के पास पांच पूर्व मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, भगत सिंह कोश्यारी भी मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन वर्तमान में वह महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। धामी अभी युवा हैं, इन्हें साथ लेकर चलने की चुनौती से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सभी की शुभकामनाएं मेरे साथ हैं। व्यक्तिगत रूप से भुवन चंद्र खंडूड़ी, विजय बहुगुणा, रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत से बात की, मुलाकात की। ये सभी वरिष्ठ हैं और मैं इनसे छोटा हूं तो सभी का स्नेह मिल रहा है।’धामी मंत्रिमंडल में पांच मंत्री कांग्रेस पृष्ठभूमि के हैं। इनके साथ तालमेल संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी पूरा फोकस इसी बात पर है कि हम टीम के रूप में मिलजुलकर कार्य करें। सब धरातल पर उतर कर अपनी भूमिका का निर्वहन करें। वरिष्ठ सहयोगियों के सुझाव मिल रहे हैं, जिससे मार्गदर्शन भी होता है।

आगामी विधानसभा चुनाव से संबंधित सवाल पर धामी ने कहा कि भाजपा के पास विश्वव्यापी नेतृत्व है। उत्तराखंड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूर्ण विश्वास है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में कोई भी राजनीतिक दल मुकाबले में नहीं है। चुनाव में अभी कुछ वक्त है, इसलिए ध्यान विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने की ओर है।

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