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भोटिया जनजाति की हजारों की संख्या में महिला पुरुष ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार से कार्रवाई की मांग की।

भोटिया जनजाति की हजारों की संख्या में महिला पुरुष ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार से कार्रवाई की मांग की।

भोटिया जनजाति की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी से समाज के लोगों में आक्रोश है। शनिवार हजारों की संख्या में महिला पुरुष ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार से कार्रवाई की मांग की। इस पूरे मामले को लेकर चीन सीमा क्षेत्र के भोटिया जनजाति समुदाय के अध्यक्ष सुपिया सिंह राणा से बातचीत की गई।

उनसे इस मामले की सच्चाई, आक्रोश, विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहते हुए परेशानियों के बारे में जानने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस मामले का सरकार को शीघ्र संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही सोशल मीडिया से उठे इस विवाद में फंसे प्रोफेसर डॉ भगवती प्रसाद पुरोहित से भी बातचीत की। बातचीत के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं।

सवाल- भोटिया जनजाति के लोग आक्रोशित हैं, इस आक्रोश का असल कारण क्या है?

जवाब- जोशीमठ आपदा के दौरान 10 जनवरी को दीपक ढौंडियाल नाम के एक व्यक्ति ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक लेख अपलोड किया। उस पर लिखा था डॉ भगवती प्रसाद पुरोहित की कलम से। ये शिक्षक चमोली जिले के ही हैं। लेख में भोटिया जनजाति की महिलाओं और बेटियों पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखी गई थी।

इस पोस्ट को 48 लोगों ने साझा किया था। इस पोस्ट ने समाज को आक्रोशित कर दिया। हमने 17 जनवरी को गोपेश्वर थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन जोशीमठ आपदा के कारण पुलिस ध्यान नहीं दे पाई। हालांकि 18 फरवरी को मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।

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