केदारनाथ, उत्तराखंड | 18 अक्टूबर 2025:
श्रद्धालुओं के लिए एक भावनात्मक क्षण… केदारनाथ धाम के संरक्षक देवता भकुंट भैरवनाथ जी के कपाट आज दोपहर 1:15 बजे विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। जैसे-जैसे धाम में शीत ऋतु का आगमन हो रहा है, बाबा केदार की पंचमुखी डोली की तैयारियां भी अब शुरू हो चुकी हैं।
यह परंपरा हर वर्ष भक्तों के लिए एक विशेष भावनात्मक क्षण लेकर आती है, जब बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास की प्रक्रिया प्रारंभ होती है।
कपाट बंद करने से पहले श्री केदारनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान किए गए। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारियों, पंच पंडा समिति और स्थानीय ब्राह्मणों की उपस्थिति में भैरवनाथ मंदिर में पारंपरिक रीति से कपाट बंद किए गए।
भैरवनाथ जी की विदाई के साथ अब केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की अंतिम उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।
इसके बाद पंचमुखी डोली को उखीमठ ले जाया जाएगा, जहां बाबा केदार की शीतकालीन पूजा होती है।
भक्तों के लिए यह समय भावुक करने वाला होता है, जब वे बाबा के अंतिम दर्शन के लिए धाम की ओर रुख करते हैं। मंदिर में इन दिनों भक्तों की भीड़ देखी जा रही है, क्योंकि अब दर्शन का समय सीमित रह गया है।
केदारनाथ धाम केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और श्रद्धा का प्रतीक है। भैरवनाथ जी के कपाट बंद होने के साथ ही यह संदेश साफ है — अब बाबा केदार भी शीतकालीन विश्राम के लिए तैयार हैं।
अगले कुछ दिनों में धाम एक बार फिर शांति और बर्फ की चादर में लिपट जाएगा, लेकिन भक्तों की श्रद्धा वर्षभर बनी रहेगी।
🙏 “बाबा केदार की जय”