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हमास सैन्य प्रमुख का ऐलान: बिना फिलिस्तीन की गारंटी के नहीं होगा हथियारबंदी

गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत 20 सूत्रीय युद्धविराम प्रस्ताव को हमास के सैन्य प्रमुख इज्ज अल-दीन अल-हद्दाद ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता और गारंटी नहीं दी जाती, तब तक हमास संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा।

ट्रंप की योजना में युद्धविराम, बंधकों की अदला-बदली, हमास का निरस्त्रीकरण और गाजा की अस्थायी अंतरराष्ट्रीय निगरानी जैसी प्रमुख बातें शामिल हैं। शुक्रवार को ट्रंप ने हमास को रविवार शाम तक का अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि अगर योजना नहीं मानी गई, तो “हमास का अंत बेहद दुखद होगा।”

हालांकि हमास के कुछ राजनीतिक प्रतिनिधियों ने इस योजना के कुछ हिस्सों पर सहमति जताई थी, लेकिन गाजा स्थित सैन्य शाखा अल-कस्साम ब्रिगेड्स ने इसका खुलकर विरोध किया है।
बीबीसी और अरब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अल-हद्दाद ने कतर में मौजूद हमास प्रतिनिधियों को बातचीत से पीछे हटने का निर्देश दिया है और इजरायल के खिलाफ लड़ाई तेज करने को कहा है।

इज्ज अल-दीन अल-हद्दाद को हाल ही में मारे गए याह्या सिनवार के स्थान पर हमास का नया सैन्य कमांडर बनाया गया है। सूत्रों की मानें तो उनके पास अभी भी 48 बंधकों पर नियंत्रण है, जिनमें से करीब 20 के जीवित होने की संभावना जताई गई है।

वहीं, इजरायल ने भी साफ कर दिया है कि वह गाजा सिटी में किसी भी प्रकार की छूट नहीं देगा। नेतन्याहू सरकार ने चेतावनी दी है कि अब गाजा में जो भी बचा है, उसे आतंकी माना जाएगा।

ट्रंप की प्रस्तावित योजना पर दुनिया भर में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। अमेरिका, तुर्किए, दक्षिण अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों में लोग इस “एकतरफा” शांति योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि इस योजना में फिलिस्तीनी हितों की अनदेखी की गई है।

गाजा में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं और अब सबकी निगाहें डोनाल्ड ट्रंप की डेडलाइन और उसके बाद की संभावित कार्रवाई पर टिकी हैं।