बेंगलुरु।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या से राहत दिलाने के लिए प्रस्तावित 43,000 करोड़ रुपये की टनल रोड परियोजना अब राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई है। परियोजना को लेकर बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या और राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच बयानबाज़ी तेज़ हो गई है।
बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस परियोजना का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि “बीजेपी लोगों के पैसों को व्यर्थ नहीं जाने देगी।” सूर्या का कहना है कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी यह परियोजना बहुत सीमित लाभ देगी। उन्होंने दावा किया कि प्रस्तावित 18 किलोमीटर लंबा टनल रोड केवल 1600 कार चालकों के लिए उपयोगी होगा, जबकि यदि यही पैसा सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) को बेहतर बनाने में लगाया जाए तो प्रति घंटे 16,000 लोगों को फायदा मिल सकता है।
डीके शिवकुमार ने तेजस्वी सूर्या से ट्रैफिक समस्या का वैकल्पिक समाधान देने की चुनौती दी थी। इसके जवाब में सूर्या ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की और एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन (PPT) के माध्यम से ट्रैफिक सुधार के वैकल्पिक उपाय प्रस्तुत किए।
हालांकि बैठक के बाद डी.के. शिवकुमार ने सूर्या के सुझावों को “काम का नहीं” बताते हुए खारिज कर दिया। इसके बाद बुधवार को तेजस्वी सूर्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वही PPT सार्वजनिक की और कहा कि सरकार को चाहिए कि वह बेंगलुरु के लिए टिकाऊ और जनहितकारी समाधान अपनाए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी सूर्या ने उपमुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा,
“डीके शिवकुमार टनल रोड सिर्फ इसलिए बनाना चाहते हैं ताकि उसमें लोगों की शादियां हो सकें।”
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु जैसे टेक हब में ट्रैफिक की असली समस्या कारों की संख्या नहीं, बल्कि कमज़ोर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था है। उन्होंने मेट्रो, बस नेटवर्क और पैदल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं को प्राथमिकता देने की बात कही।
टनल रोड परियोजना का उद्देश्य बेंगलुरु में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक जाम को कम करना है। लेकिन विपक्ष के विरोध और तकनीकी सवालों के कारण यह योजना अब राजनीतिक और सार्वजनिक बहस का विषय बन गई है।













