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अफगानिस्तान में फिर आया भूकंप, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1

काबुल। भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में एक बार फिर धरती कांप उठी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, शुक्रवार को अफगानिस्तान में 4.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप की गहराई जमीन से मात्र 10 किलोमीटर थी, जिससे इसके झटके आसपास के इलाकों में महसूस किए गए। हालांकि, फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, कम गहराई पर आने वाले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं। इसकी वजह यह है कि भूकंपीय तरंगों को सतह तक पहुंचने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे जमीन में तेज कंपन होता है। इससे इमारतों को ज्यादा नुकसान पहुंचने और जनहानि की आशंका बढ़ जाती है। इसी क्षेत्र में 15 दिसंबर को भी 4.0 तीव्रता का भूकंप 22 किलोमीटर की गहराई पर आया था।

अफगानिस्तान भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है, खासकर हिंदूकुश क्षेत्र, जो एक अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय ज़ोन में स्थित है। यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। हालिया झटका 4 नवंबर को उत्तरी अफगानिस्तान में आए 6.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद आया है।

अफगान अधिकारियों के अनुसार, 4 नवंबर को आए भूकंप में कम से कम 27 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस शक्तिशाली भूकंप से देश की एक प्रमुख ऐतिहासिक मस्जिद को भी नुकसान पहुंचा था। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने बताया था कि भूकंप कम गहराई पर आया था, जिससे इसका प्रभाव काफी ज्यादा बढ़ गया था।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (UNOCHA) के अनुसार, अफगानिस्तान भूकंप, भूस्खलन और मौसमी बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। बार-बार आने वाले भूकंप उन समुदायों की मुश्किलें और बढ़ा देते हैं, जो पहले से ही वर्षों के संघर्ष और सीमित विकास से जूझ रहे हैं।