उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड (प्रासंगिक राज्य का उल्लेख स्रोत पर निर्भर) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को एक भाजपा कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में लागू किए गए देश के सबसे सख्त नकलरोधी कानून के तहत 2022 से अब तक 100 से अधिक नकल माफिया को जेल भेजा गया है। उन्होंने दावा किया कि इस कानून के लागू होने के परिणामस्वरूप पिछले ढाई से चार वर्षों में 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिलने जैसी सकारात्मक परिणति हुई है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग नकलरोधी कदमों से नाराज़ हैं और वे कोचिंग और नकल माफिया मिलकर नकल जेहाद जैसे समूहगठित प्रयासों के जरिए प्रदेश में नकल चलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ऐसे तत्वों को “मिट्टी में मिलाने तक” चैन से नहीं बैठेगी और नकल से जुड़े गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सख्त कानून ने परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता व युवाओं के लिए निष्पक्ष अवसर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके अनुसार, नई कार्रवाईयों और लागू नियमों के कारण अब युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद मिली है, और यही कारण है कि नकल माफिया व उनके सहायक आयोजक निरंतर योजनाएँ बना रहे हैं।
सरकार द्वारा लागू किए गए नकलरोधी कानून के तहत क्या कार्रवाईयां की जा रही हैं, और किस प्रकार की पेनल्टी लगाई जाती है, इस पर विस्तृत जानकारी विभागीय स्तर से जारी होने की प्रतीक्षा है। वहीं opposition और कोचिंग सेक्टर के प्रतिनिधियों की प्रतिक्रियाएँ अभी सामने आनी बाकी हैं।