चीन और पाकिस्तान की ओर से लगातार भारत को चुनौतियां मिल रही हैं। इसको लेकर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने हिंद महासागर क्षेत्र में अभ्यास मिशन चलाया है। यह मिशन लगभग छह घंटों तक चला, जिसमें भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान राफेल ने दुश्मनों के जेट को मार गिराने का अभ्यास किया।
अभ्यास मिशन के जरिए किया गया शक्ति प्रदर्शन
अभ्यास मिशन में शामिल एक अधिकारी ने कहा, “अत्याधुनिक राफेल को IL-78 टैंकरों द्वारा हासीमारा (एयरबेस) में उनकी वापसी के दौरान हवा के बीच ही ईंधन भरा। इस मिशन के जरिए भारतीय वायु सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और इसमें दिखाया गया है कि वह लंबी दूरी से भी अपने दुश्मनों पर हमले करने की क्षमता रखता है।
दुनिया के सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों में शामिल राफेल
मिशन ने IAF की शक्ति को प्रदर्शित करने और ” IAF ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ हुए 59,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत हासीमारा और अंबाला में अपने 36 राफेल को शामिल किया है। हासीमारा सिक्किम-भूटान-चीन ट्राई-जंक्शन के करीब है। आपको बता दें, राफेल दुनिया के सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक है और इसने भारतीय वायु सेना की ताकत को भी बढ़ाया है।
हिंद महासागर क्षेत्र की ओर बढ़ रहा चीन
दरअसल, इस समय इस मिशन अभ्यास की आवश्यकता इसलिए पड़ी है, क्योंकि चीन के पास पहले से ही 355 युद्धपोतों और पनडुब्बियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है और यह हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ाता नजर आ रहा है।
चीन अब किसी भी समय आईओआर में सात से आठ नौसैनिक जहाजों और जासूसी जहाजों को तैनात कर सकता है। इसके साथ ही, वह पाकिस्तान की समुद्री बल बनाने में मदद कर रहा है, ताकि पाकिस्तान अरब सागर में भारत को चुनौती दे सके।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज को बताया ब्रह्मास्त्र
देश के सैन्य ब्रास ने बुधवार को कहा, “चीन और पाकिस्तान के साथ दो लंबी अशांत सीमाओं का सामना करने वाले भारत के पास ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसे प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ मजबूत प्रतिक्रिया के शक्तिशाली उपकरण होने आवश्यक है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित मिसाइल को सशस्त्र बलों का “ब्रह्मास्त्र” बताया।
बढी ब्रह्मोस मिसाइलों की मारक क्षमता
चीफ मार्शल वी आर चौधरी दिल्ली में एक कार्यक्रम में बताया कि सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमानों में लगे ब्रह्मोस मिसाइलों की मारक क्षमता को बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा, “सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमानों के घातक संयोजन की मारक क्षमता मूल 290 किमी से बढ़ाकर 450 किमी कर दी गई है, जिसने हमारी अपनी मारक क्षमता बढ़ा दी है।”