चमोली जनपद के नंदानगर ब्लॉक के तांगला गांव में सोमवार को एक दर्दनाक हादसे में खेत में घास लेने गई एक ग्रामीण महिला पर जंगली भालू ने हमला कर दिया। हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उपचार के लिए अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तांगला गांव निवासी बसंती देवी (50 वर्ष) पत्नी जगत सिंह सोमवार सुबह गांव के पास घटबगड़ तोक नामक स्थान पर घास काटने गई थीं। तभी झाड़ियों में छिपे एक भालू और उसके दो बच्चों ने अचानक उन पर हमला कर दिया।
बसंती देवी के साथ मौजूद दूसरी महिला ने जब शोर मचाया, तो भालू अपने बच्चों समेत वहां से भाग गया। घायल अवस्था में बसंती देवी को ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नंदानगर पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार राकेश देवली मौके पर पहुंचे और बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रशासन द्वारा उचित कार्यवाही की जा रही है।
इस घटना के बाद तांगला और आस-पास के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में पिछले कुछ समय से भालुओं की गतिविधि बढ़ गई है, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए गश्त बढ़ाई जाए, जाल और कैमरा ट्रैप लगाए जाएं, और सुरक्षा उपायों को सख्त किया जाए। ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और मुआवजा देने की मांग की है। बसंती देवी के परिवार में उनका पति और बच्चे हैं, जिनकी आजीविका पूरी तरह खेती और पशुपालन पर निर्भर है।
इस घटना ने एक बार फिर वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवरों की लगातार आमद के बावजूद क्षेत्र में न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और न ही कोई जागरूकता अभियान चलाया गया है।
यह दर्दनाक घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी भी है। प्रशासन और वन विभाग को अब और लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और त्वरित, ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।