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उत्‍तराखंड में नदी-नालों के किनारे बने रिसॉर्ट की अब खैर नहीं, लटकी कार्रवाई की तलवार

उत्तराखंड में अब नदी-नालों के किनारे बने अवैध रिसॉर्ट्स और होटलों पर प्रशासन सख्त रुख अपनाने जा रहा है। राज्य सरकार ने पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए इन निर्माणों को हटाने का फैसला लिया है। सहस्रधारा, गुच्चूपानी, मालदेवता, शिखर फॉल और किमाड़ी जैसे पर्यटन स्थलों पर नदी तटों के पास किए गए अतिक्रमण पर कार्रवाई की तैयारी है।

देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल ने वन क्षेत्र और नदी किनारे किए गए व्यावसायिक निर्माणों की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, ऐसे रिसॉर्ट और होटलों की ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइटों को ब्लॉक करने और रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध दून की घाटियाँ अब अवैध निर्माण और आपदाओं के खतरे से जूझ रही हैं। हाल ही में मालदेवता और कार्लीगाड़ में आई आपदाओं ने इस खतरे को उजागर किया है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बांडावाली खैरी मान सिंह क्षेत्र में नदी की भूमि पर बने ‘स्पर्श फर्म एंड रिसॉर्ट’ में धारा मोड़ने का मामला भी पकड़ा था, जिससे सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। प्रशासन ने इस पर उच्च स्तरीय जांच बिठा दी है।