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उत्तराखंड राज्य निर्माण के पुरोधा दिवाकर भट्ट नहीं रहे।

उन्होंने हरिद्वार स्थित अपने आवास तरुण हिमालय में अंतिम सांस ली। आज ही उन्हें देहरादून के महंत इन्द्रेश अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था।

1979 के दशक से लेकर आज तक दिवाकर भट्ट उत्तराखंड की आवाज बनकर मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करते रहे। पूर्व काबीना मंत्री एवं उक्रांद के अध्यक्ष दिवाकर भट्ट को फील्ड मार्शल के नाम से जाना जाता था।
उत्तराखंड राज्य निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट को सदियों-सदियों तक याद किया जाएगा।

हमें गर्व है कि उनके नेतृत्व में हमने हजारों आंदोलनों में सहभागी होकर उत्तराखंड राज्य निर्माण की लड़ाई लड़ी।