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थाईलैंड–कंबोडिया विवाद फिर भड़का, जंग जैसे हालात; दोनों देश कर रहे गोलाबारी

बैंकॉक/नोम पेन्ह। दक्षिण-पूर्व एशिया के पड़ोसी देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सीमा पर हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि कई इलाकों में जंग जैसे हालात बन गए हैं। दोनों ही देश एक-दूसरे पर हमले करने का आरोप लगा रहे हैं और हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं।

कंबोडिया के ताकतवर सीनेट अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन ने फेसबुक और टेलीग्राम पर एक पोस्ट में दावा किया कि उनका देश शांति चाहता है, लेकिन थाई सेना की गोलीबारी के बाद कंबोडिया जवाबी कार्रवाई करने को मजबूर हुआ।
उन्होंने कहा,
“कंबोडिया शांति चाहता है, लेकिन अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए लड़ाई जरूरी है।”

हुन सेन भले ही अब प्रधानमंत्री न हों, लेकिन उन्हें अभी भी कंबोडिया का वास्तविक सत्ता केंद्र माना जाता है।

रविवार को सीमा पर हुई एक झड़प में दो थाई सैनिक घायल हो गए थे, जिसके बाद तनाव तेजी से बढ़ा। जुलाई में भी दोनों देशों के बीच 5 दिन तक संघर्ष चला था, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई थी।

थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने साफ कहा कि कंबोडिया ने अब तक बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है और थाई सेना अपनी तय योजना के अनुसार कार्रवाई जारी रखेगी।
उन्होंने कहा,
“हमें वही करना है जो देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है।”

  • थाई सेना का आरोप है कि कंबोडियाई सेना ने तोपखाने, रॉकेट और ड्रोन से उनके ठिकानों पर हमला किया।
  • कंबोडिया का कहना है कि संघर्ष में 7 नागरिकों की मौत और 20 घायल हुए हैं।
  • थाई सेना ने भी दावा किया कि उसके तीन सैनिक मारे गए हैं।
  • दोनों देश एक-दूसरे को संघर्ष शुरू करने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

थाई सेना ने सोमवार को सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई हमले किए, जिन्हें उसने “रक्षात्मक कार्रवाई” बताया।

  • थाईलैंड ने चार प्रांतों में 500 अस्थायी शिविर बनाए हैं, जहाँ 1,25,838 लोग शरण लिए हुए हैं।
  • कंबोडिया के मुताबिक, उसकी तरफ करीब 55,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा चुके हैं।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लगभग 800 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो फ्रांसीसी शासनकाल के दौरान तय की गई थी।
दोनों देशों के बीच लंबे समय से कई विवाद चले आ रहे हैं:

  • कंबोडिया का आरोप—थाईलैंड 18 कैदियों को पकड़े हुए है जो सीजफायर के दिन गिरफ्तार हुए थे।
  • थाईलैंड का आरोप—कंबोडिया सीमा पर नई लैंड माइंस बिछा रहा है।
  • कंबोडिया का जवाब—ये माइंस दशकों पुराने सिविल वॉर की देन हैं (1999 तक चला)।

दोनों देशों की बयानबाजी और बढ़ते सैन्य अभियान बताते हैं कि तनाव फिलहाल कम होने की संभावना नहीं है। सीमा पर बढ़ती सैन्य गतिविधियां पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन रही हैं।