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सऊदी अरब और यूएई के बीच तनातनी: यमन में बढ़ा तनाव

मध्य पूर्व के दो शक्तिशाली अरब देश, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अचानक गंभीर गतिरोध में आ गए हैं। सऊदी अरब ने यूएई को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें उसे यमन से अपने सभी भाड़े के सैनिकों को वापस बुलाने और अलगाववादी गुटों को समर्थन बंद करने का आदेश दिया गया है।

क्या है मामला:

  • सऊदी अरब का आरोप है कि यूएई यमन के अलगाववादी बलों (विशेषकर दक्षिणी संक्रमण परिषद) को हथियार और सैन्य मदद भेज रहा है।
  • इस आरोप के चलते सऊदी ने यमन के मुकल्ला बंदरगाह पर हाल ही में हवाई हमले किए, जिसमें यूएई द्वारा भेजे गए हथियार और युद्धक वाहन निशाना बने।
  • कुछ सप्ताह पहले यूएई समर्थित भाड़े के सैनिकों ने सऊदी समर्थित बलों पर हमला किया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।

यमन की प्रतिक्रिया:

  • यमन के हूती-विरोधी बलों ने आपातकाल घोषित किया और यूएई के साथ सभी सहयोग समाप्त कर दिया।
  • यमन ने अपने क्षेत्रों में सभी अमीराती बलों को 24 घंटे के भीतर निकलने का आदेश दिया।
  • सीमा पारगमन पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया और हवाई अड्डों तथा बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगाई गई।

स्थिति का महत्व:

  • यह मामला रियाद (सऊदी) और अबू धाबी (यूएई) के बीच संबंधों को और तनावपूर्ण बना रहा है।
  • दोनों देश मध्य पूर्व के कई मुद्दों पर निकट हैं, लेकिन हाल के वर्षों में क्षेत्रीय राजनीति और आर्थिक प्रतिस्पर्धा के चलते दरारें बढ़ी हैं।
  • सऊदी अरब ने चेतावनी दी है कि किसी भी उल्लंघन की स्थिति में वह “पुरजोर जवाब” देने के लिए तैयार है।

इस स्थिति के बाद यह मध्य पूर्व में यमन संघर्ष को और जटिल बना सकता है और क्षेत्रीय स्थिरता पर असर डाल सकता है।