सना/रियाद:
यमन में जारी संघर्ष के बीच सऊदी अरब ने एक बार फिर बड़ा सैन्य कदम उठाया है। सऊदी वायुसेना ने यमन के बंदरगाही शहर मुकल्ला पर हवाई हमला किया, जिसके बाद इलाके में आग और धुएं के गुबार उठते देखे गए। सऊदी अरब का कहना है कि यह हमला अलगाववादी बलों के लिए लाई जा रही हथियारों की खेप को रोकने के उद्देश्य से किया गया।
सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, जिन जहाजों को निशाना बनाया गया वे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के फुजैराह बंदरगाह से मुकल्ला पहुंचे थे। दावा किया गया है कि इन जहाजों में दक्षिणी संक्रमण परिषद (STC) के लिए हथियार और सैन्य वाहन लाए जा रहे थे। सऊदी अरब ने इसे यमन की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा बताते हुए सीमित सैन्य अभियान की पुष्टि की है।
इस हमले ने सऊदी अरब और यूएई के बीच छिपे मतभेदों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। दोनों देश भले ही यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ रहे हों, लेकिन अलग-अलग गुटों को समर्थन देने के कारण उनके रिश्तों में तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। यह एयरस्ट्राइक क्षेत्रीय राजनीति में नई हलचल के संकेत दे रही है।
हवाई हमलों के बाद यमन में हूती-विरोधी बलों ने आपातकाल घोषित कर दिया है। उनके नियंत्रण वाले इलाकों में 72 घंटे के लिए सीमा पार आवागमन पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही हवाई अड्डों और बंदरगाहों में प्रवेश सीमित कर दिया गया है। केवल उन्हीं बंदरगाहों को संचालन की अनुमति दी गई है, जिन्हें सऊदी अरब की मंजूरी प्राप्त होगी।
फिलहाल यूएई की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुकल्ला पर यह हमला न सिर्फ यमन के हालात को और संवेदनशील बनाएगा, बल्कि खाड़ी देशों के बीच समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।















