नई दिल्ली, 12 नवंबर: दिल्ली में सोमवार को हुए कार ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, अब भी देश में लगभग 300 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट छिपा हुआ है, जिसकी तलाश लगातार जारी है। वहीं, फरीदाबाद मॉड्यूल के तहत अब तक लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया जा चुका है।
सूत्रों ने बताया कि यह अमोनियम नाइट्रेट बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते भारत आया था। आतंकियों ने किसी फर्टिलाइजर कंपनी से इस विस्फोटक को चोरी कर के हासिल किया और दिल्ली समेत अन्य शहरों में हमलों की योजना बनाई।
जांच में यह भी सामने आया कि गिरफ्तार आतंकियों का मॉड्यूल उत्तर प्रदेश के मंदिरों और धार्मिक स्थलों को टारगेट कर रहा था, खासकर अयोध्या और वाराणसी। अयोध्या में स्लीपर मॉड्यूल पहले ही एक्टिवेट हो चुका था। इसके अलावा लाल किला, इंडिया गेट, कांस्टीट्यूशन क्लब, गौरी शंकर मंदिर, प्रमुख रेलवे स्टेशन और शॉपिंग मॉल्स भी इनके निशाने पर थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह साजिश जनवरी 2025 से चल रही थी। मॉड्यूल ने लगभग 200 से अधिक शक्तिशाली IED बनाने और उन्हें दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद के हाई-प्रोफाइल लक्ष्यों पर विस्फोट करने की योजना बनाई थी। इनके उद्देश्यों में धार्मिक स्थलों पर हमला कर साम्प्रदायिक तनाव फैलाना भी शामिल था।
एजेंसियों के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है बचे हुए 300 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट को ढूँढना और आतंकियों के कब्जे से बाहर निकालना। पूरे रूट पर सख्त निगरानी और रेड ऑपरेशन जारी हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भले ही अब तक बड़ा हिस्सा बरामद किया जा चुका है, लेकिन देश के कई हिस्सों में खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों के प्रति सतर्क रहें और किसी भी असामान्य घटना की तुरंत जानकारी पुलिस को दें।











