यरुशलम। कब्जे वाले राफा इलाके की सुरंगों में फंसे करीब 200 हमास लड़ाकों को बचाने के लिए मुस्लिम देशों ने मध्यस्थता के प्रयास तेज कर दिए हैं।
इजरायली मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मिस्र के मध्यस्थों ने हमास को प्रस्ताव दिया है कि यदि उसके लड़ाके अपने हथियार डाल दें और सुरंगों की जानकारी साझा करें, तो उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता दिया जा सकता है। हालांकि अब तक न तो इजरायल और न ही हमास ने इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से स्वीकार किया है।
हिब्रू अखबार ‘मारिव’ के अनुसार, इजरायली सेना ने राफा क्षेत्र की एक बड़ी सुरंग में कंक्रीट और विस्फोटक सामग्री डालना शुरू कर दिया है।
सेना का दावा है कि इस सुरंग में दर्जनों हमास लड़ाके छिपे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि इजरायली बल सुरंग के खुले हिस्सों में भारी मात्रा में कंक्रीट डाल रहे हैं और अंदर मौजूद आतंकियों को खत्म करने के लिए विस्फोटक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, हमास के कई लड़ाके संभवतः यह नहीं जानते कि 10 अक्टूबर से गाजा में युद्धविराम लागू है।
हमास की सशस्त्र शाखा का कहना है कि वह मार्च से अपने कुछ लड़ाकों से संपर्क में नहीं है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि राफा में कितने हमास सदस्य फंसे हैं, लेकिन संख्या लगभग 200 के आसपास बताई जा रही है।
अमेरिकी मीडिया एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन राफा संकट को हमास को निरस्त्र करने के एक मॉडल के रूप में देख रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह अमेरिका ने इजरायल से अनुरोध किया था कि हमास के लड़ाकों को 24 घंटे की सुरक्षित निकासी का अवसर दिया जाए। शुरुआत में हमास ने यह प्रस्ताव ठुकराया, लेकिन बाद में रुचि दिखाई। इजरायल ने तब कहा कि “समय सीमा बीत चुकी है।”
तुर्की के अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि उनके खुफिया प्रमुख इब्राहिम कालिन इस संकट में अमेरिकी अनुरोध पर मध्यस्थता प्रयासों में शामिल हैं।
इस बीच, इजरायल के IDF चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने सरकार को बताया कि राफा सुरंगों में छिपे आतंकियों से “कोई समझौता नहीं होगा।”
उन्होंने कहा, “या तो आत्मसमर्पण करो या सफाया। अगर वे सरेंडर करते हैं, तो हम उन्हें अंडरवियर में ही पूछताछ के लिए ले जाएंगे।”
जमीर ने यह भी सिफारिश की कि जब तक सभी बंधक और शहीद सैनिकों के शव वापस नहीं मिल जाते, तब तक युद्धविराम समझौते के अगले चरण पर आगे न बढ़ा जाए।






