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उत्तराखंड की रजत जयंती पर पीएम मोदी ने किया 8,260 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास, कहा — “अगले 25 साल होंगे उत्कर्ष के”

देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एफआरआई परिसर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 8,260 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
उन्होंने राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और अब अगले 25 वर्षों के लिए “विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” का रोडमैप तैयार करना होगा।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने गढ़वाली और कुमाऊनी में राज्यवासियों को बधाई देते हुए कहा—
“देवभूमि उत्तराखंड का नौ नवंबर का दिन, राज्य आंदोलन की लंबी तपस्या का फल है। यह दिन गर्व और आत्मसम्मान का प्रतीक है।”
उन्होंने राज्य आंदोलन के शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 वर्ष पूर्व जब उत्तराखंड बना था, तब संसाधन सीमित और चुनौतियां अधिक थीं।
“तब राज्य का बजट मात्र 4 हजार करोड़ रुपये था, जो अब एक लाख करोड़ के पार पहुंच गया है। बिजली उत्पादन चार गुना, सड़कों की लंबाई दोगुनी और हवाई यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ी है।”
उन्होंने बताया कि तब राज्य में एक मेडिकल कॉलेज था, जबकि आज दस हैं; और वैक्सीन कवरेज अब हर गांव तक पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्य में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर कार्य जारी है।
उन्होंने ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे, गौरीकुंड–केदारनाथ और गोविंदघाट–हेमकुंड साहिब रोपवे जैसी परियोजनाओं को राज्य के विकास का नया अध्याय बताया।

पीएम ने कहा कि उत्तराखंड को “विश्व की आध्यात्मिक राजधानी” बनाने की क्षमता है। उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र विकसित करने, वाइब्रेंट विलेज को पर्यटन केंद्रों में बदलने और वन डिस्ट्रिक्ट–वन फेस्टिवल जैसी पहल से स्थानीय पर्व–मेलों (हरेला, फुलदेई, भिटोली, नंदादेवी, जौलजीबी, देवीधुरा, बटर फेस्टिवल आदि) को वैश्विक पहचान देने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने “वोकल फॉर लोकल” अभियान से जुड़ते हुए राज्य के उत्पादों को सराहा। उन्होंने बताया कि 15 कृषि उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है, जिनमें बेडू फल और ब्रदी घी शामिल हैं।
“हाउस ऑफ हिमालयाज” जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उत्तराखंड के उत्पाद अब ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना रहे हैं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखंड 2047 तक “विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” के मंत्र पर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास के साथ सांस्कृतिक अस्मिता और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून और नकल विरोधी कानून जैसे कदम उठा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से उत्तराखंड ने कठिनाइयों को अवसरों में बदला है — चाहे वह केदारनाथ त्रासदी हो, जोशीमठ भूधंसाव या सिलक्यारा टनल हादसा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भारत अपनी आज़ादी के 100 वर्ष मनाएगा, तब उत्तराखंड को नई ऊंचाइयों पर पहुंचना होगा। उन्होंने राज्यवासियों से आह्वान किया —
“अब इंतजार नहीं, संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। भारत सरकार हर कदम पर उत्तराखंड के साथ खड़ी है।”
उन्होंने अपने संबोधन का समापन ‘वंदे मातरम्’ के जयघोष के साथ किया।