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प्रदेश में कैदियों के पुनर्वास और कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण केंद्र खुलने की राह प्रशस्त हो गई है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए अनुपूरक बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। अभी शासन को कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र खोलने का प्रस्ताव देहरादून जेल ने दिया है। ऐसे में प्रदेश में सबसे पहले यहां विधिवत रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो सकेगा।
केंद्र सरकार ने जेलों के आधुनिकीकरण और कैदियों के कौशल विकास के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसमें सजा समाप्त करने के बाद कैदियों को स्वावलंबी बनाने और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए व्यवस्था बनाने की बात कही गई है। इसके लिए कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र बनाने पर जोर दिया गया है। इस कड़ी में कई प्रदेशों में यह व्यवस्था शुरू हो चुकी है।
उत्तराखंड की जेलों में भी कैदी इस समय विभिन्न उत्पाद बना रहे हैं, लेकिन यहां विधिवत रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र की व्यवस्था नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जेलों में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की थी। इन केंद्रों में कैदियों को उनकी रुचि की विधाओं में प्रशिक्षित करने की बात कही गई। इस कड़ी में शासन ने सभी जेलों से प्रस्ताव आमंत्रित किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इनमें से केवल देहरादून जेल का प्रस्ताव शासन को मिला है। देहरादून जेल ने पांच करोड़ की लागत से इस प्रशिक्षण केंद्र को बनाने का प्रस्ताव दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही शासन स्तर से इसकी सहमति जारी कर दी जाएगी।