बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) के सुर बदले हुए नज़र आ रहे हैं। चुनाव में जनसुराज को एक भी सीट नहीं मिल सकी, जबकि चुनाव से पहले प्रशांत किशोर की रैलियों में बड़ी भीड़ देखी जा रही थी।
पहले जहां PK अक्सर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठाते दिखाई देते थे, वहीं अब उन्होंने कहा कि “नीतीश कुमार का स्वास्थ्य अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन अब लगता है कि उनका स्वास्थ्य अच्छा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार एक स्वच्छ और बेदाग मंत्रिमंडल बनाएं।
हार के बाद PK ने साफ कहा कि वे चुनाव नतीजों से निराश जरूर हैं, लेकिन पीछे हटने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा:
“आज जरूर धक्का लगा है लेकिन जीत जनसुराज की ही होगी। मैं बिहार नहीं छोड़ूंगा, बल्कि दोगुनी ताकत से लड़ूंगा। पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।”
PK ने चुनाव प्रक्रियाओं और सरकारी संसाधनों के कथित दुरुपयोग पर भी गंभीर सवाल उठाए। उनका दावा है कि:
- हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 60,000 लोगों को 10,000 रुपये दिए गए
- कई विभागों की महिलाओं और कर्मियों को शामिल कर करीब 29,000 करोड़ रुपये बांटे गए
- कुल मिलाकर लगभग 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा जनता से किया गया
- PK का कहना है कि यह सब चुनाव प्रभावित करने के लिए किया गया।
बिहार चुनाव में NDA को 202 सीटों के साथ भारी जीत मिली है, जबकि महागठबंधन (RJD-कांग्रेस आदि) सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया।
जनसुराज (PK की पार्टी) को एक भी सीट नहीं मिली, जिस पर राजनीतिक विश्लेषकों ने भी आश्चर्य जताया है।
रैलियों में भारी भीड़ जुटने के बावजूद जनसुराज उस समर्थन को वोटों में बदलने में नाकाम रहा।













