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भूटान पहुंचे पीएम मोदी, द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने पर रहेगा जोर — पुनात्सांगछू-II परियोजना का करेंगे उद्घाटन

थिम्फू / नई दिल्ली | 11 नवंबर 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय भूटान दौरे पर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। उनकी यह यात्रा भारत-भूटान के बीच पारंपरिक मित्रता और सहयोग को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भूटान के नरेश, महामहिम जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक, और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात करेंगे।

यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भूटान महामहिम चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक का 70वां जन्मदिन मना रहा है। पीएम मोदी इस अवसर पर आयोजित समारोह में भी शामिल होंगे।

इस दौरे की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी — भारत और भूटान के संयुक्त सहयोग से बनी 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का संयुक्त उद्घाटन।
यह परियोजना दोनों देशों की ऊर्जा साझेदारी को और सशक्त बनाएगी तथा भूटान के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगी।

मोदी ने अपनी यात्रा से पहले एक्स (Twitter) पर लिखा —

“भूटान के लिए रवाना, जहां मैं कई कार्यक्रमों में भाग लूंगा। यह यात्रा भूटान के चौथे नरेश की 70वीं जयंती के अवसर पर हो रही है। हमारी ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा देते हुए पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया जाएगा। यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भरेगी।”

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच विशेष मित्रता और सहयोग के संबंधों को और गहरा करना है।
भारत और भूटान के संबंध आपसी विश्वास, सद्भावना और सम्मान पर आधारित हैं।

दोनों नेता वाणिज्य, ऊर्जा, शिक्षा, कनेक्टिविटी, और सांस्कृतिक सहयोग जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

भारत ने हाल ही में भूटान के साथ लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से दो सीमा-पार रेल परियोजनाओं की घोषणा की है —

  • असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू तक,
  • और पश्चिम बंगाल के बानरहाट से भूटान के समत्से तक।
  • यह दोनों देशों के बीच पहला रेल संपर्क होगा, जो व्यापार, पर्यटन और आर्थिक विकास को नई दिशा देगा।

प्रधानमंत्री मोदी थिम्फू स्थित ताशिछोद्ज़ोंग में भारत से भेजे गए भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों के समक्ष प्रार्थना करेंगे।
इसके अलावा, वे भूटान सरकार द्वारा आयोजित वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव में भी भाग लेंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा —

“भारत और भूटान की साझा आध्यात्मिक विरासत और जन-जन के बीच गहरा संबंध, इस विशेष साझेदारी की पहचान है।”

मंत्रालय के अनुसार —

“प्रधानमंत्री की यह यात्रा दोनों पक्षों को हमारी साझेदारी को और बढ़ाने तथा क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करेगी।”