मंगलवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री महाराज ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मंत्रियों को सचिव की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि लिखने का अधिकार होना चाहिए।
धामी सरकार के मंत्रियों ने सचिवों की सीआर लिखने के अधिकार की मांग फिर से उठाई है। मंगलवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यह मसला उठाया तो बाकी मंत्रियों ने उनके समर्थन में सुर मिलाए। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु को कैबिनेट की अगली बैठक में इसका प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए।
मंगलवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री महाराज ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मंत्रियों को सचिव की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि लिखने का अधिकार होना चाहिए। वह इस मसले को पहले ही कैबिनेट के संज्ञान में ला चुके हैं। लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ।
महाराज के मसला उठाने के बाद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल समेत सभी मंत्रियों ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल सहयोगियों को आश्वस्त किया कि इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट बैठक संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को अपने कार्यालय में बुलाया और सचिवों की सीआर के संबंध में जानकारी मांगी। उन्होंने मुख्य सचिव को कैबिनेट की अगली बैठक में सीआर से संबंधित प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए।
कैबिनेट की ब्रीफिंग के दौरान मुख्य सचिव से इस संबंध में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीआर वाला मसला कैबिनेट के एजेंडे में नहीं था। एक तरह से वह इस प्रश्न को टाल गए। उधर, सरकार के मंत्रियों ने कैबिनेट में सीआर के मसले पर चर्चा होने की पुष्टि की।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल से ही अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड में अपने विभागीय सचिवों की सीआर लिखने के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। धामी सरकार में भी अब तक वह कैबिनेट की बैठक समेत कई बार मसला उठा चुके हैं। जानकारों का मानना है कि नौकरशाही की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए मंत्री सीआर की ताकत चाहते हैं। इसीलिए अब महाराज के साथ अन्य मंत्री भी समर्थन में दिख रहे हैं।