नंदानगर में तबाही की रात: बादल फटने से उजड़े घर, लापता हैं पांच ग्रामीण

17 सितम्बर की रात उत्तराखंड के चमोली जिले का नंदानगर क्षेत्र उस समय सिसक उठा, जब आसमान से बरसी आफ़त ने गांवों को मलबे में तब्दील कर दिया। लगातार हो रही मूसलधार बारिश के बीच बादल फटने की घटना में न केवल कई घर जमींदोज हो गए, बल्कि पांच ग्रामीणों के लापता होने की सूचना ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया।

घटना की पुष्टि आपदा परिचालन केंद्र द्वारा सुबह 6:18 बजे की गई है। जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत नंदानगर के कुन्तरि लगाफाली वार्ड में छह भवन मलबे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दो घायलों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन पांच लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश में ग्रामीण और स्थानीय टीमें जुटी हुई हैं।

आपदा का सबसे भयावह दृश्य सेरा गांव से सामने आया, जहाँ मोक्ष नदी का उफान कई घरों को बहा ले गया। महिपाल सिंह, अवतार सिंह और पुष्कर सिंह के आवासीय भवन नदी की चपेट में आकर पूरी तरह असुरक्षित हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि सबसे पहले महिपाल सिंह का बाथरूम बहा, जो घर के कोने में बना था, फिर जलस्तर इतना बढ़ा कि पूरा मकान खतरे में आ गया।

ग्रामीणों ने जैसे-तैसे अंधेरे और बारिश के बीच पहाड़ियों की ओर भागकर अपनी जान बचाई। एक ग्रामीण ने बताया, “हम बस भागे… पीछे क्या बचा, देखने की हिम्मत नहीं थी।”
सेरा से ऊपर पहाड़ी पर बसे धुर्मा गांव में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। बागड़ टॉप इलाके में बनी कई दुकानें और मकान बह गए हैं। यहाँ भी कई परिवारों को रातोंरात बेघर हो गए है।

पूरे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप है, सड़कें मलबे से भरी पड़ी हैं, और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह बंद हो गया है। सेरा का पेट्रोल पंप, जो मुख्य सड़क पर स्थित था, अब मलबे से ढका पड़ा है। संपर्क साधनों के अभाव में प्रशासन तक सूचना पहुंचाना भी ग्रामीणों के लिए संघर्ष बन गया। हालांकि, किसी तरह जिलाधिकारी संदीप तिवारी को खबर दी गई है और राहत कार्य शुरू करने की अपील की गई है। अभी तक किसी आधिकारिक टीम के पहुंचने की पुष्टि नहीं हो पाई है।

इलाके के कई प्रमुख ग्रामीण — बलबीर सिंह, विनोद सिंह, प्रकाश सिंह, सिबर सिंह और महिपाल सिंह — आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। खेत, घर, अनाज, पशुधन — सब कुछ इस त्रासदी में लील गया। कई बुजुर्ग महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर सिर्फ रोती दिखीं। एक बुजुर्ग ने कहा, “8 जुलाई को भी यही हुआ था… तबसे घर ठीक किया था, अब फिर सब खत्म।”