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देहरादून में कुदरत का कहर: बारिश से तबाही, कई क्षेत्रों में तबाही, 10 की मौत, 8 अब भी लापता

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों में सोमवार रात मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। कई नदियां उफान पर आ गईं, पुल बह गए, सड़कें टूट गईं और कई मकान मलबे में दब गए। अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 8 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्रधारा के पास कारलीगढ़ में जलप्रलय जैसी स्थिति बनी रही। मालदेवता क्षेत्र में नदी के उफान से सड़कों के साथ-साथ कई पुल और पुश्ते बह गए। ग्रामीण इलाकों में घरों के अंदर मलबा और पानी भर गया है।

शहर की प्रमुख नदियों — रिस्पना और बिंदाल — का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया। कई कॉलोनियों में पानी भरने से लोग घरों में फंसे रह गए। राहत कार्य जारी है, लेकिन कई इलाकों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

आसन नदी में एक बड़ा हादसा सामने आया जहां ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार 13 लोग नदी में बह गए। राहत एवं बचाव दलों ने अब तक 10 शव बरामद कर लिए हैं। शेष 8 लोगों की तलाश जारी है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं।

  • मसूरी-देहरादून मार्ग पर भूस्खलन की वजह से यातायात पूरी तरह बाधित है।
  • कालसी-चकराता मार्ग पर एक स्कूटी सवार युवक की पत्थर गिरने से मौत हो गई।

झड़ीपानी-राजपुर पैदल मार्ग पर दो लोग मलबे में दब गए, जिनमें से एक की मौके पर मौत हो गई। शहर के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर में पानी भर जाने से रेलिंग और पानी की टंकी बह गई। वहीं, देवभूमि कॉलेज में मलबा भर जाने के कारण छात्र-छात्राओं को तत्काल बाहर निकाला गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा:

“राज्य सरकार हर प्रभावित नागरिक के साथ है। प्रशासन, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां पूरी तरह मुस्तैद है” भारी बारिश के कारण कई गांवों और मोहल्लों में बिजली और जल आपूर्ति बाधित है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और ढलानों के पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।