कीव/मॉस्को:
रूस और यूक्रेन का युद्ध अब लगभग चार साल से जारी है। शुरुआत में माना जा रहा था कि यूक्रेन जल्द ही रूस के सामने सरेंडर कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब रूस ने इस साल के अंत तक यूक्रेन को आत्मसमर्पण करने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। रूस के हालिया हमलों में मौसम और परिस्थितियों का लाभ लेकर उसे अपने सैन्य अभियानों में मदद मिल रही है।
अक्टूबर में रूस ने हवाई हमलों का रिकार्ड तोड़ दिया। एएफपी के अनुसार, रूस ने रात के समय यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली (पावर ग्रिड) और महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया। यूक्रेनियन एयरफोर्स ने बताया कि रूस ने अक्टूबर में 270 मिसाइलें दागीं, जो कि सितंबर की तुलना में 46% अधिक हैं। इसके अलावा लगभग 5,000 ड्रोन हमले भी किए गए। हालांकि कई हमलों को इंटरसेप्ट किया गया, फिर भी कई मिसाइलें और ड्रोन सटीक निशाने पर लगीं, जिससे भारी नुकसान हुआ।
रूसी हमलों के कारण देशभर में बिजली कटौती हुई और लाखों लोग प्रभावित हुए। मॉस्को लगातार चौथी सर्दियों में यूक्रेन की बिजली व्यवस्था को निशाना बना रहा है। कीव और उसके सहयोगी देशों का कहना है कि रूस जानबूझकर आम लोगों का मनोबल तोड़ने के लिए पावर प्लांट और रेल नेटवर्क पर हमले कर रहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि पुतिन देश में आराजकता फैलाना चाहते हैं और इसके लिए नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहे हैं।
यूक्रेन अब अपनी ऊर्जा बचाने में पूरी ताकत लगा रहा है। राजधानी कीव और अन्य शहरों में कई घंटे बिजली कटौती हो रही है। वहीं, यूक्रेन ने रूस की तेल और बिजली संरचनाओं को निशाना बनाकर काउंटर वार भी शुरू किया है।
इस युद्ध में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) भी सक्रिय है। पिछले साल न्यायालय ने रूस की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, उन पर यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमले कर नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का “युद्ध अपराध” करने का आरोप है।













