देश के विभिन्न हिस्सों से हाल के दिनों में सड़क हादसों की बेहद दुखद खबरें सामने आई हैं, जिन्होंने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इन हादसों में कई परिवारों के जीवन बर्बाद हो गए हैं। कहीं पिता या मां का साथ बच्चों से छूट गया, तो कुछ हादसों में पूरे परिवार ही अंधकार में डूब गए।
राजस्थान के जयपुर से सोमवार 3 नवंबर को एक भीषण सड़क हादसे की खबर आई। एक डंपर ने हाईवे पर आते-जाते 17 गाड़ियों को टक्कर मार दी। इस घटना में 12 लोगों की मौत और करीब 18 लोग घायल हुए। पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल 3 लोगों को SMS अस्पताल के टॉमा सेंटर रेफर किया गया है। जयपुर कलेक्टर ने चेताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है।
इससे पहले आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक बस में आग लगने से 20 लोगों की मौत हुई थी। जांच में पता चला कि बस के नीचे फंसी मोटरसाइकिल से आग लग गई। बस में 43 लोग सवार थे और यह हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, बस की बैटरी, ज्वलनशील सीटें और मोबाइल फोन ने आग को और भड़का दिया।
राजस्थान से एक और दर्दनाक घटना सामने आई, जहां प्राइवेट स्लीपर बस में आग लगने से 2 लोगों की मौत और 10 लोग घायल हुए। बस उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से मजदूरों को ईंट भट्ठे में ले जा रही थी। हादसा तब हुआ जब बस 11 केवी हाईटेंशन लाइन से टकराई और ऊपर रखे गैस सिलिंडर व दोपहिया वाहन से आग फैल गई।
सिर्फ राजस्थान ही नहीं, तेलंगाना में भी सड़क हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा। रंगारेड्डी जिले में TSRTC बस और गिट्टी से भरे डंपर की टक्कर में 20 लोगों की मौत हो गई। इसमें 10 महिलाएं और एक 10 महीने का बच्चा भी शामिल था। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में सड़क हादसों की वजह ओवरस्पीडिंग, नशे में वाहन चलाना, वाहन की खराब स्थिति और सड़क अवसंरचना की कमी है। इन हादसों का खामियाजा केवल एक परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को भुगतना पड़ता है।
सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार और समाज को मिलकर ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है। यातायात नियमों का पालन, वाहन फिटनेस की जांच, ड्राइवर प्रशिक्षण और आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करना ही ऐसी घटनाओं को रोकने का एकमात्र तरीका है।
सड़क हादसे सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, यह अनगिनत परिवारों के जीवन का काला अध्याय हैं। अब समय है कि हम सतर्क हों और अपने जीवन और दूसरों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोपरि मानें।













