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उत्तराखंड में आइटीबीपी (इंडो तिब्बत बार्डर पुलिस) के सभी हेलीपैड का आने वाले सीजन में पर्यटक भी इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके लिए जल्द उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और आइटीबीपी के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इससे राज्य के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। राज्य में आइटीबीपी के विभिन्न जिलों में छह हेलीपैड हैं। जिनका वर्तमान में सिर्फ आइटीबीपी ही इस्तेमाल कर रही है।
पर्यटन के अगले सीजन में पर्यटकों की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए 5,945 मीटर (19,504 फीट) की ऊंचाई पर मौसम की स्थिति बेहद विकट होने के आसार हैं। इस वजह से विभाग ने पर्यटकों की सुविधा के लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी है।
आइटीबीपी के राज्य में है छह हेलीपैड
जोलिंग कोंग क्षेत्र चीन और नेपाल सीमा के करीब होने के कारण यहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की ओर से गश्त की जाती है। कठिन भौगोलिक स्थानों पर हेलीपैड होने के अलावा आइटीबीपी के पास क्षेत्र में डाक्टर और स्वास्थ्य सुविधाएं भी हैं। इसे देखते हुए परिषद की ओर से ये समझौता करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए आइटीबीपी के अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है। आइटीबीपी के छह हेलीपैड राज्य में हैं।समझौता होते ही इन हेलीपैडों का चौड़ीकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इन जगहों पर स्थित है ये हेलीपैड
ये हेलीपैड पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, मसूरी, जोशीमठ, देहरादून व ओली में स्थित हैं। हेलीपैड के आसपास स्थित सामरिक स्थल उत्तरकाशी में गोमुख ट्रैक, मनेरी बांध, गंगोत्री आदि पर्यटन स्थल हैं। मसूरी में धनोल्टी, जार्ज एवरेस्ट जैसे पर्यटन स्थल हैं। इसके साथ ही पिथौरागढ़ में विभिन्न किले, मंदिर, मुनस्यारी जैसे पर्यटन स्थलों का पर्यटक आनंद ले सकेंगे।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एरो स्पोर्ट्स विशेषज्ञ लता के अनुसार, अगले माह से ही पर्यटकों के लिए सभी हेलीपैड खोल दिए जाएंगे। दोनों विभागों के बीच समझौते की प्रक्रिया जारी है। आइटीबीपी की ओर से भी इस संबंध में संपर्क किया जा रहा है।