जनपद में प्रशिक्षितों ने शिक्षक बनने के लिए नियुक्ति पत्र लिया और गायब हो गए। ऐसे 63 प्रशिक्षित हैं जो शिक्षक बनने के लिए काउंसलिंग में शामिल हुए। विभाग ने उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिया। हैरानी है कि नियुक्ति पत्र लेने के डेढ़ महीने बाद भी वे संबंधित विद्यालय में नहीं पहुंचे। ये प्रशिक्षित कहां हैं इसका विभाग को भी पता नहीं है।
सीमांत जनपद में संचालित 1212 प्राथमिक और उच्चतर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 977 पद रिक्त हैं। अधिकतर विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। किसी तरह बीते दिनों 322 शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हुई। पहली काउंसलिंग में 41 दूसरी में 112 प्रशिक्षित शिक्षक बनने के लिए शामिल हुए। इन सभी प्रशिक्षितों को विभाग ने नियुक्ति पत्र भी जारी कर विद्यालयों का आवंटन कर दिया।
बीते दिनों शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया हुई। नियुक्ति पत्र जारी होने के लंबे समय बाद भी 63 प्रशिक्षितों ने तैनाती नहीं ली है। अब इसकी उम्मीद भी कम है। निश्चित तौर पर अधिकतर प्रशिक्षित दुर्गम जिले में तैनाती लेने से हाथ पीछे खींच रहे हैं।
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए फिर से काउंसिलिंग होगी। तरुण कुमार पंत, जिला शिक्षा अधिकारी, बेसिक, पिथौरागढ़