Advertisement

महिला वर्ल्ड कप 2025: एशियाई दिग्गजों की लड़खड़ाती चाल, सेमीफाइनल से बाहर होने के कगार पर पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश

स्पोर्ट्स डेस्क, 17 अक्टूबर 2025:
महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 अब अपने अहम मोड़ पर है, जहां हर मुकाबला किसी टीम के लिए मौका बन रहा है तो किसी के लिए आखिरी उम्मीद। ऐसे में एशिया की तीन बड़ी टीमें — पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश — इस बार वर्ल्ड कप में पूरी तरह से संघर्ष करती नजर आ रही हैं। तीनों टीमों का प्रदर्शन अब तक औसत से भी नीचे रहा है और सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर होने का खतरा लगातार मंडरा रहा है।

पाकिस्तान महिला टीम का प्रदर्शन इस वर्ल्ड कप में अब तक बेहद निराशाजनक रहा है। चार मुकाबलों में तीन हार और एक मैच बारिश की भेंट चढ़ गया। टीम का नेट रन रेट -1.887 है, जो इस टूर्नामेंट में सबसे खराब में गिना जा रहा है। पाकिस्तान को अभी तीन मुकाबले और खेलने हैं, और अगर वह इनमें से एक भी हारती है, तो उसका सफर यहीं खत्म हो जाएगा। कप्तान और कोचिंग स्टाफ दोनों पर सवाल उठ रहे हैं — आखिर इस फ्लॉप शो का जिम्मेदार कौन?

श्रीलंका महिला टीम ने भी चार मुकाबले खेले हैं, जिसमें से दो में हार मिली और दो बिना किसी नतीजे के समाप्त हुए। अब तक एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई टीम के सामने अब साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसी टीमें हैं। अगर इन तीनों में से एक भी मैच में हार होती है, तो श्रीलंका की सेमीफाइनल की उम्मीदें खत्म हो जाएंगी। टीम का नेट रन रेट -1.526 है, जो उसकी चुनौतियों को और कठिन बना रहा है।

बांग्लादेश की महिला टीम ने पांच मुकाबले खेले हैं, जिनमें से सिर्फ एक में जीत हासिल हुई है। बाकी चार मुकाबलों में टीम को हार झेलनी पड़ी है। भारत और श्रीलंका के खिलाफ दो मुकाबले बाकी हैं। भारत जैसी मजबूत टीम के सामने जीत की उम्मीद करना मुश्किल लग रहा है, और एक हार बांग्लादेश की वर्ल्ड कप से विदाई तय कर देगी।

ऑस्ट्रेलिया पहले ही सेमीफाइनल में अपनी जगह बना चुकी है। भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी टीमें दमदार प्रदर्शन कर रही हैं और उनकी राह फिलहाल साफ दिख रही है। एशियाई टीमों के लिए सेमीफाइनल की राह अब बहुत मुश्किल हो गई है

महिला वर्ल्ड कप 2025 में पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश की टीमें अब तक उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई हैं। इस बार वर्ल्ड कप में एशियाई प्रतिनिधित्व कमजोर नजर आया है, जो पूरे क्षेत्र के महिला क्रिकेट विकास के लिए एक चेतावनी भी है। अब देखना यह होगा कि क्या ये टीमें अंतिम मुकाबलों में कोई चमत्कार कर सकेंगी, या खाली हाथ घर लौटेंगी।