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भारतीय मूल के कारोबारी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर 500 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी का आरोप, ब्लैकरॉक समेत कई निवेशक फंस

वॉशिंगटन / नई दिल्ली | 1 नवंबर 2025

अमेरिका में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है जिसमें भारतीय मूल के व्यवसायी बंकिम ब्रह्मभट्ट का नाम सामने आया है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मभट्ट की दूरसंचार कंपनियों पर लगभग 500 मिलियन डॉलर (करीब ₹4,200 करोड़) के फर्जीवाड़े का आरोप है।
यह घोटाला सीधे तौर पर दुनिया की सबसे बड़ी निवेश फर्मों में से एक ब्लैकरॉक की प्राइवेट क्रेडिट शाखा से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

रिपोर्टों के अनुसार, ब्रह्मभट्ट की कंपनियाँ — Broadband Telecom Services, Bridgevoice, और Carriox Capital — ने 2020 से 2024 के बीच अमेरिकी निवेश फर्मों से करोड़ों डॉलर का ऋण प्राप्त किया था।
इन ऋणों के लिए कंपनियों ने दावा किया कि उनके पास कई बड़े दूरसंचार ग्राहकों से मिलने वाले भुगतान (receivables) हैं, जिन्हें जमानत के रूप में गिरवी रखा गया।

लेकिन जब इन खातों की जांच शुरू हुई, तो सामने आया कि कई बिल, अनुबंध और ई-मेल पते फर्जी थे।
यहाँ तक कि जिन कंपनियों के नाम पर इनवॉइस बनाए गए, उन्होंने किसी भी व्यापारिक लेन-देन से इनकार किया।

ब्लैकरॉक की प्राइवेट-क्रेडिट यूनिट HPS Investment Partners — जो छोटे और मध्यम व्यवसायों को ऋण देती है — ने अगस्त 2025 में न्यूयॉर्क की अदालत में ब्रह्मभट्ट और उनकी कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया।

HPS का कहना है कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर उनका 430–500 मिलियन डॉलर का बकाया है और यह रकम फर्जी खातों के सहारे हासिल की गई थी।
मुकदमे में कहा गया है कि 2024 में जब कंपनी ने प्राप्य खातों का ऑडिट शुरू किया, तो अधिकांश रकम विदेशों में ट्रांसफर की जा चुकी थी, जिनमें भारत और मॉरीशस प्रमुख थे।

बंकिम ब्रह्मभट्ट ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को गलत और भ्रामक बताया है।
उन्होंने कहा है कि उनकी कंपनियों का कारोबार वैध है और वे अदालत में अपनी निर्दोषता साबित करेंगे।
हालांकि, रिपोर्टों के मुताबिक, फिलहाल वे भारत में मौजूद बताए जा रहे हैं और अमेरिकी जांच एजेंसियाँ उनके ठिकाने की पुष्टि में जुटी हैं।

मुकदमे में दावा किया गया है कि ब्रह्मभट्ट ने बीते दो वर्षों में फर्जी ई-मेल डोमेन, नकली अनुबंध और झूठे बैलेंस शीट तैयार करवाए, जिससे निवेशकों को भरोसा हो गया कि कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत है।
कई निवेशकों ने बाद में स्वीकार किया कि कंपनी के खातों की जांच पर्याप्त गहराई से नहीं की गई थी।

विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला अमेरिका के प्राइवेट क्रेडिट बाजार पर गहरा असर डाल सकता है।
इस सेक्टर में निवेशक पारंपरिक बैंकों की तुलना में कम निगरानी के साथ ऋण देते हैं, जिससे धोखाधड़ी का जोखिम बढ़ जाता है।
ब्लैकरॉक जैसी संस्था के फंसने से निवेशकों का भरोसा प्रभावित हो सकता है।

वित्त विशेषज्ञ जेफ्री हार्लन के अनुसार,

“यह सिर्फ एक धोखाधड़ी का मामला नहीं, बल्कि पूरे निजी ऋण तंत्र के लिए चेतावनी है कि पारदर्शिता और सत्यापन प्रक्रियाओं को मजबूत किया जाए।”

अगले कदम

ब्लैकरॉक और HPS Investment Partners ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए कानूनी और वित्तीय दोनों स्तरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) और वित्तीय अपराध जांच इकाइयाँ (Financial Crime Units) भी इस मामले की जांच में शामिल हैं।
मुकदमे की अगली सुनवाई दिसंबर 2025 में होने की संभावना है।