देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में हाल ही में हुए व्यापक परिचालन संकट के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कड़ा कदम उठाया है। सेफ्टी और ऑपरेशनल नियमों की अनदेखी के आरोप में DGCA ने चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। इन अधिकारियों को सुरक्षा और परिचालन अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन प्रारंभिक जांच में उनके स्तर पर गंभीर चूक सामने आई।
इंडिगो ने 5 दिसंबर को एक ही दिन में रिकॉर्ड 1,600 उड़ानें रद्द कर दी थीं, जिससे हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में रद्द उड़ानों के कारण टूरिज्म सेक्टर को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। DGCA के अनुसार, एयरलाइन पायलट और क्रू मेंबर की ड्यूटी से जुड़े मानकों का सही तरीके से पालन नहीं कर सकी, जिसके चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई।
DGCA ने गुरुवार से एयरलाइन के मुख्यालय से सीधे निगरानी शुरू कर दी है। अब DGCA के अधिकारी रोजाना रिपोर्ट पेश करेंगे और फ्लाइट ऑपरेशन, रिफंड प्रक्रिया, समय पर प्रदर्शन और यात्रियों को मुआवजा देने की स्थिति पर नजर रखेंगे।
दो वरिष्ठ अधिकारी — एक सांख्यिकी अधिकारी और एक उप निदेशक — को इंडिगो के कॉरपोरेट कार्यालय में तैनात किया गया है।
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स शुक्रवार को DGCA के सामने पेश होंगे। DGCA ने घरेलू उड़ान संचालन में हुई भारी गड़बड़ी के कारणों की जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल बनाया है, जिसमें संयुक्त महानिदेशक संजय ब्रह्मणे, उप महानिदेशक अमित गुप्ता, वरिष्ठ उड़ान संचालन निरीक्षक कपिल मंगलिक और लोकेश रामपाल शामिल हैं।
पैनल का काम इंडिगो में हुए परिचालन व्यवधानों के मूल कारणों की पहचान करना और सुधारात्मक उपाय सुझाना है।
DGCA के वरिष्ठ अधिकारी देश के 11 प्रमुख हवाईअड्डों पर जाकर इंडिगो के संचालन का ऑडिट और निरीक्षण करेंगे।
वे अगले 2–3 दिनों में अपने निरीक्षण पूरे कर 24 घंटों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट DGCA मुख्यालय को सौंपेंगे।
पिछले सप्ताह से इंडिगो द्वारा हजारों उड़ानें रद्द की गईं। रद्द होने का चरम 5 दिसंबर को था, जिसके बाद संख्या में धीरे-धीरे गिरावट आई।
एयरलाइन का कहना है कि संचालन अब स्थिर हो गया है और सामान्य स्तर पर लौट आया है। हालांकि DGCA की जांच और निगरानी फिलहाल जारी रहेगी।














