टिकटॉक पर अमेरिका-चीन के बीच डील तय, अमेरिका में अब रहेगा अमेरिकी निवेशकों का नियंत्रण

वॉशिंगटन:

दुनिया के सबसे चर्चित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में शामिल टिकटॉक को लेकर अमेरिका और चीन के बीच वर्षों से चला आ रहा विवाद अब समाप्त हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक डील पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद अमेरिका में टिकटॉक की संचालन व्यवस्था अब अमेरिकी निवेशकों के हाथों में होगी।

व्हाइट हाउस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा कि, “हमारे युवाओं ने हमेशा एक सुरक्षित और पारदर्शी प्लेटफॉर्म की मांग की थी। यह डील उनके भविष्य और डिजिटल स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

डील की शर्तें और अधिकारों का पुनर्विन्यास:

  • टिकटॉक का अमेरिकी संस्करण अब अमेरिका की कंपनियों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
  • एल्गोरिदम और यूजर डेटा पर अमेरिका का पूरा नियंत्रण होगा।
  • बाइटडांस, जो टिकटॉक की मूल कंपनी है, अब केवल 20% हिस्सेदारी रख पाएगी।
  • अमेरिका में टिकटॉक पर क्या कंटेंट दिखेगा, इसका निर्णय अमेरिका करेगा।

राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की थी।

“मेरे और शी चिनफिंग के बीच बातचीत सकारात्मक रही। मुझे उम्मीद है कि वह भी मेरा उतना ही सम्मान करते हैं, जितना मैं करता हूं।”

गौरतलब है कि यह मुद्दा पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल से चला आ रहा था। बाइडेन प्रशासन ने बाइटडांस को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि या तो वह टिकटॉक का नियंत्रण किसी अमेरिकी कंपनी को सौंपे या फिर संभावित प्रतिबंध के लिए तैयार रहे।

अब, वर्षों की बातचीत और दबाव के बाद, यह समझौता अमेरिका के डिजिटल स्पेस में विदेशी हस्तक्षेप को सीमित करने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी इस डील का स्वागत किया। उन्होंने कहा: “यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी विदेशी सरकार को हमारे यूजर्स को प्रभावित करने का साधन न मिले। एल्गोरिदम पर अमेरिका का नियंत्रण बेहद आवश्यक था।”

इस डील के साथ, टिकटॉक अमेरिका में एक नियंत्रित और स्थानीय रूप में संचालित होगा। नीतिगत रूप से यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर नियंत्रण और डिजिटल पारदर्शिता के लिए एक मजबूत मिसाल बन सकता है।