उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई रौशनी देखने को मिल रही है। मंगलवार को देहरादून के नानूरखेड़ा स्थित एससीईआरटी ऑडिटोरियम में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल आने वाले 75 मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया और कहा कि “शिक्षा वही जो जीवन को गढ़े, केवल किताबी ज्ञान ही काफी नहीं, उसमें संस्कार, व्यवहार और राष्ट्रप्रेम भी ज़रूरी है।”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था में बदलाव ला रही है। डिजिटल और व्यवहारिक शिक्षा पर ज़ोर देते हुए उन्होंने बताया कि:
- 226 स्कूलों को पीएम श्री विद्यालय बनाया जा रहा है।
- 1300 स्कूलों में वर्चुअल क्लास चलाई जा रही हैं।
- 5 ई-विद्या चैनल के ज़रिए दूर-दराज़ के बच्चों तक ऑनलाइन पढ़ाई पहुँचाई जा रही है।
- कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को “हमारी विरासत” नामक किताब के ज़रिए भारतीय संस्कृति और महान विभूतियों से जोड़ा जा रहा है।
- सभी छात्रों को फ्री किताबें और मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि 10वीं और 12वीं के प्रतिभाशाली छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजा जा रहा है ताकि उनका व्यक्तित्व विकास हो सके।
मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा क्षेत्र में नकल माफियाओं के बढ़ते खतरे पर भी सख्त रुख दिखाया। उन्होंने बताया कि राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है और अब तक 100 से अधिक नकल माफिया जेल भेजे जा चुके हैं।
हाल में हुए पेपर लीक के प्रयास पर उन्होंने कहा, “यह एक सोची-समझी साजिश थी, लेकिन सरकार हर साजिश को नाकाम करेगी। एसआईटी गठित की गई है और एक-एक दोषी को पकड़कर सजा दी जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून भी लागू कर दिया गया है। अब 1 जुलाई 2026 के बाद केवल वही मदरसे चल सकेंगे जिनमें राज्य सरकार द्वारा तय किया गया पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। अनपढ़ धर्मगुरुओं द्वारा शिक्षा देने पर भी रोक लगेगी।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इस साल बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्रों की संख्या में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि अब अंक सुधार परीक्षा भी करवाई जा रही है जिससे छात्रों का तनाव कम हुआ है।
समारोह में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक शिक्षा दीप्ति सिंह, और अन्य कई शिक्षा अधिकारी, शिक्षक व गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।