ताजा खबरें >- :
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की बहस की चुनौतीपर भाजपा का पलटवार

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की बहस की चुनौतीपर भाजपा का पलटवार

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता चौहान ने कहा कि सोमवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया डोईवाला ब्लॉक के जिस प्राथमिक विद्यालय जीवनवाला में गए, उसके भवन की मरम्मत को गत वर्ष सितंबर में 4.15 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी है। इस स्कूल के आसपास यूकेलिप्टस के पेड़ों से विद्यार्थियों को खतरा था। वन विभाग की अनुमति के बाद इनका कटान चल रहा है। वैसे भी इन दिनों कोविड के कारण स्कूल बंद हैं। उन्होंने कहा कि इस सबको लेकर जीवनवाला के ग्राम प्रधान का वीडियो सिसोदिया देख लें तो उन्हें अपने बारे में शर्म आएगी।चौहान ने कहा कि आप के नेता सिर्फ सैर सपाटे को उत्तराखंड आए हैं। प्रदेश सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं के पास ऐसे सैर सपाटा कर अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने वाले नेताओं के लिए न तो समय है और न वे इनकी किसी बात को गंभीरता से लेते हैं।

उन्होंने कहा कि आप के नेताओं को अपनी अराजकता वाली राजनीति ताले में बंद कर यहां आना चाहिए। उत्तराखंड में कानून का राज चलता है, अराजकता का नहीं।उन्होंने सिसोदिया को सलाह दी कि वे राजनीति के चश्मे को उतारकर धरातल पर भी देखें। जीवनवाला के जिस विद्यालय में वह गए, उससे सटे ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय की स्थिति दिल्ली के सरकारी स्कूलों से कहीं बेहतर है। फिर भी उन्हें यह नजर नहीं आया। दिल्ली के सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बताने संबंधी सिसोदिया के बयान पर चौहान ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को अपनी जानकारी ठीक करनी चाहिए। उत्तराखंड के बच्चे सरकारी स्कूलों से निकलकर फौज में अफसर बने हैं। आइएएस, आइपीएस, आइआइटी, मेडिकल समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता अर्जित कर रहे हैं। अच्छे ओहदों पर देश की सेवा कर रहे हैं।

उत्तराखंड आकर आप नेता अपनी अराजकता और अज्ञानता की ब्राडकास्टिंग न करें।चौहान ने प्रदेश सरकार के पौने चार साल के कार्यकाल के कार्यों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि इस अवधि में सुशासन, पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन, भ्रष्टाचार पर अंकुश, रिवर्स माइग्रेशन, चिकित्सा, टेली चिकित्सा, वर्चुअल क्लासेज, नए पर्यटन स्थलों का विकास, अटल आयुष्मान योजना, कोविड मैनेजमेंट, ढांचागत विकास के साथ ही मूलभूत सुविधाओं को लेकर अनेक कार्य राज्य में हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन को सभी ने देखा है। तब केंद्र को कोविड का प्रबंधन अपने हाथ में लेना पड़ा और फिर स्थिति में कुछ सुधार हुआ।
Related Posts