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 जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी के नेता वीरेंद्र सचदेवा ने एक बड़ा आरोप लगाया

 जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी के नेता वीरेंद्र सचदेवा ने एक बड़ा आरोप लगाया

नई दिल्ली। जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी के नेता वीरेंद्र सचदेवा ने एक बड़ा आरोप लगाया है। सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल जिस दिन रामराज्य की बात कर रहे थे, उस दिन वो अंडे खा रहे थे जबकि 11 तारीख को तीसरा नवरात्र था। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि देखा जाए तो तीसरे नवरात्रे में अरविंद केजरीवाल 4 अंडे खा रहे हैं। ये शर्मनाक है कि मां भगवती की पूजा वाले दिन अंडे खा रहे हैं। सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल अपना शुगर लेवल बढ़ाने के लिए आम और मिठाई खा रहे हैं. ये तो अजीब है. इनको घर का खाना मिल रहा है।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अब तो ये षड्यंत्र भी लग रहा है कि कैसे भी जमानत मिल जाए। जेल के जिन अधिकारियों पर खाने का जिम्मा है, उन पर भी करवाई हो. वे अधिकारी दिल्ली सरकार के मातहत हैं, वहां के मेडिकल अधिकारी से भी पूछा जाए। इस पर भी फैसला हो कि क्या इन्हें घर का खाना मिलना भी चाहिए या नहीं। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने मंगलवार को कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल से नागरिकों के लिए एक संदेश जारी कर कहा है कि ‘मेरा नाम अरविंद केजरीवाल है और मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं।

संजय सिंह ने जेल में बंद अरविंद केजरीवाल के साथ किये जा रहे कथित व्यवहार को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की। सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रतिशोध और दुर्भावना के चलते उन्हें तोड़ना चाहती है, लेकिन वह इन सबसे और अधिक मजबूत होकर उभरेंगे. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने आरोप लगाया था कि तिहाड़ जेल में बंद एक ‘कुख्यात अपराधी’ को बैरक में अपने वकील और पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई, जबकि केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मुलाकात के दौरान उनके बीच कांच की दीवार थी।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छह महीने जेल में रहने के बाद हाल ही में रिहा हुए संजय सिंह के आरोप पर महानिदेशक (जेल) संजय बेनीवाल ने कहा था कि कैदियों के साथ व्यवहार में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उन्हें समान मूल अधिकार मिले. बेनीवाल ने कहा कि ‘कट्टर या सामान्य अपराधी के बीच कोई अंतर नहीं है। जेल नियमावली में कैदियों के बीच कोई अंतर नहीं है। हर कैदी के पास बुनियादी अधिकार हैं और इसे सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है।

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