तेल अवीव/गाजा/नई दिल्ली।
मध्य-पूर्व में लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच गाजा से शांति की एक बड़ी खबर सामने आई है। हमास ने सोमवार को 20 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया, जो सकुशल इजरायल लौट चुके हैं। इसके बदले में इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मानवीय पहल का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को दिया जा रहा है, जिन्होंने सोमवार को तेल अवीव पहुंचकर गाजा युद्ध के समाप्त होने की औपचारिक घोषणा की।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायली संसद नेसेट को संबोधित करते हुए कहा,
“आकाश अब शांत है, बंदूकें खामोश हो चुकी हैं, और पवित्र भूमि पर उगता सूरज अब शांति चाहता है।”
उन्होंने कहा कि यह सैन्य विजय का अंत नहीं, बल्कि शांति की शुरुआत है। ट्रंप की योजना के तहत हमास हथियार डालने और गाजा की सत्ता से हटने के लिए सहमत हो गया है, जिससे इस क्षेत्र में शांति की स्थायी संभावनाएं खुल रही हैं।
ट्रंप के आगमन और बंधकों की वापसी की खबर मिलते ही तेल अवीव के होस्टेज स्क्वेयर पर हजारों लोग इकट्ठा हो गए। यह वही स्थान है, जहां महीनों से बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। भीड़ ने राष्ट्रपति ट्रंप का आभार जताया और इजरायली सेना के परिजनों ने राहत की सांस ली।
ट्रंप का विमान एयरफोर्स वन ठीक उसी समय होस्टेज स्क्वेयर के ऊपर से गुज़रा जब वहां बंधकों की वापसी का उत्सव चल रहा था। विमान की लैंडिंग के बाद, ट्रंप ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की और इस शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के रोडमैप पर चर्चा की।
इजरायल अब लगभग 2,000 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई करेगा। यह प्रक्रिया चरणों में पूरी की जाएगी। रिहा हुए बंधकों को गाजा सीमा के पास रेईम सैन्य अड्डे पर लाया गया, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। वहीं, हमास ने अब तक 28 मृत बंधकों के शव नहीं लौटाए हैं, जिनमें से दो के युद्ध में नष्ट हो जाने की आशंका है।
युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई, जब हमास ने इजरायल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या की और 251 नागरिकों को बंधक बना लिया। जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी पर व्यापक सैन्य कार्रवाई शुरू की।
10 अक्टूबर को संघर्षविराम होने तक 67,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके थे, और गाजा की 90% से अधिक आबादी बेघर हो गई थी।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हुए ट्रंप की कोशिशों को ‘अथक और ईमानदार’ बताया। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा:
“यह रिहाई बंधकों के परिवारों के साहस, ट्रंप के प्रयासों और नेतन्याहू के संकल्प की जीत है। भारत, क्षेत्र में स्थायी शांति के हर प्रयास का समर्थन करता रहेगा।”
इजरायली संसद नेसेट के स्पीकर आमिर ओहाना ने राष्ट्रपति ट्रंप के लिए 2026 नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश की। पीएम नेतन्याहू ने ट्रंप को “इजरायल का अब तक का सबसे अच्छा मित्र” बताया।
गाजा से शुरू हुई यह शांति पहल भले ही एक संकेत भर हो, लेकिन यह एक बड़े बदलाव की शुरुआत भी मानी जा रही है। ट्रंप की मध्यस्थता और इजरायल-हमास के बीच बनी यह सहमति न केवल बंधकों की वापसी, बल्कि वृहद शांति प्रक्रिया की ओर एक ठोस कदम है।
आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस संघर्ष से जर्जर हुए गाजा और थके हुए इजरायल के नागरिक सच में एक शांत और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ पाएंगे।