खेती-किसानी को लेकर आम बजट में किए गए प्रविधानों से देवभूमि उत्तराखंड के किसानों में भी नई उम्मीद का संचार हुआ है। कृषि अवसंरचना कोष के तहत कोल्ड स्टोर, गोदाम जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित होने से कृषि उत्पादों के भंडारण की सुविधा मिलेगी। साथ ही ‘आपरेशन ग्रीन’ में जल्दी खराब होने वाले 22 और फल-सब्जी उत्पादों को शामिल करने का फायदा भी यहां के किसानों को मिलेगा। इससे फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे।
किसानों को पर्याप्त ऋण मुहैया कराने और इसमें भी पशुपालन व डेयरी पर खास फोकस करने से ये क्षेत्र भी अच्छी आय का जरिया बनेंगे।विषम भूगोल और 71.05 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में कृषि के सामने चुनौतियां कम नहीं है।वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी पर फोकस किया गया है तो पशुपालन, डेयरी जैसे क्षेत्रों के लिए किसानों को एक से तीन लाख रुपये तक के ब्याजरहित ऋण मुहैया कराए जा रहे हैं।
कृषि उत्पादों के विपणन की दिशा में भी काम हुआ है, लेकिन असल दिक्कत भंडारण की है। खासकर, जल्दी खराब होने वाले फल-सब्जी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोर की सुविधा हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर जिलों तक ही सिमटी है। ऐसे में आम बजट में प्रस्तावित एपीएमसी कृषि अवसंरचना कोष में बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रविधान से उम्मीद बंधी है कि अब राज्य के अन्य जिलों में भी कोल्ड स्टोर, कोल्ड चेन, गोदाम, नीलामी स्थल तैयार हो सकेंगे।
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