वैसे भी उपचुनाव प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के लिए परीक्षा से कम नहीं है। माहरा भाजपा की पिछली सरकार में उपनेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। वहीं आर्य प्रदेश कांग्रेस के मुखिया की जिम्मेदारी लंबे समय तक संभाल चुके हैं। पार्टी नेतृत्व ने जिस तरह उन पर भरोसा जताया है, उसका कारण उनके अनुभव को ही माना जाता है। गढ़वाल दौरे और उदयपुर चिंतन शिविर से लौटने के बाद नेताद्वय ने अब उपचुनाव पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। चुनाव प्रचार को लेकर पार्टी ने रणनीति बदली है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उपचुनाव क्षेत्र को सात सेक्टर में बांटा है। इन सेक्टर की जिम्मेदारी ऐसे प्रांतीय पदाधिकारियों और क्षेत्रीय नेताओं को सौंपी गई है, जो पार्टी के प्रति निष्ठावान माने जाते हैं। पार्टी ने उपचुनाव में इन्हें सक्रिय कर पूरे क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश भी की है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी असर पड़ा है। यह असर उपचुनाव पर न दिखाई दे, इसे ध्यान में रखकर चुनाव प्रचार की रणनीति तय की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी 23 मई से चुनाव प्रचार में जुटेंगे।
भाजपा नरेन्द्र मोदी सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 30 मई से 15 जून तक सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण कार्यक्रम का आयोजन करेगी। यह कार्यक्रम बूथ स्तर तक आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन को प्रदेश स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसका संयोजक प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल को बनाया गया है।