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बजट पारित होने के साथ ही राज्य विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित

बजट पारित होने के साथ ही राज्य विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित

बजट पारित होने के साथ ही राज्य विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले बजट पर पर्याप्त चर्चा नहीं कराए जाने के सवाल पर विपक्ष ने शोर शराबा किया।

बृहस्पतिवार की शाम विपक्ष के शोर-शराबे के बीच 89,230 करोड़ का बजट व कुछ विधेयक ध्वनि मत से पास हो गए। बजट पर चर्चा के लिए पूरा मौका न मिलने से नाराज विपक्षी सदस्य सदन में नारेबाजी कर रहे थे, इस बीच सत्तापक्ष ने बिना चर्चा के पहले बजट पास करा दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सदन की कार्यवाही एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इस तरह पांच दिन का सत्र चार दिन में ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। इस अवधि में सदन की कार्यवाही 28 घंटे 25 मिनट चली। गुरुवार को भोजनावकाश के बाद जब बजट पर चर्चा चल रही थी। तभी देहरादून में नाबालिग लड़की की हत्या के मामले में विपक्ष ने सारी कार्यवाही रोक कर कानून व्यवस्था पर चर्चा कराने की मांग की। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में चर्चा के दौरान स्पीकर ने विपक्ष के उन सदस्यों के नाम पुकारे, जिन्हें बजट पर चर्चा करनी थी। जब विपक्षी सदस्य सदन में लौटे तो उन्होंने चर्चा में शामिल होने की मांग की। स्पीकर ने उन्हें अनुदान मांगों पर अपनी बात रखने की सलाह दी। इससे नाराज विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस बीच सरकार ने बारी-बारी से अनुदान मांगें पारित कराईं और उसके बाद विनियोग विधेयक पारित करा दिया।

स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि सदन में जो भी सदस्य थे, उन्हें अपनी बात रखने का पूरा-पूरा मौका दिया गया। चाहे नियम 58 की सूचनाएं हो या नियम 310 की सूचनाएं, सभी को सुना गया। बुधवार सदन रात 11.30 तक चला, ताकि सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर मिले। ऋतु खंडूड़ी भूषण, स्पीकर

संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि सदन में विपक्ष के सदस्यों ने जो भी सूचना दी और सवाल किए, सरकार ने उनके संतोषजनक जवाब दिए। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार अपना जवाब पहले दे चुकी है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष सदन को व्यवस्थित ढंग से चलाने में पूरा सहयोग कर रहा था, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज दवाने की कोशिश कर रही है। बेरोजगारी के मुद्दे पर हमें अपनी बात नहीं रखने दी गई। हमने भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए, जिनके जवाब सरकार के पास नहीं थे।

नाबालिग की मौत पर हंगामा, कांग्रेस का वाकआउट

देहरादून में नाबालिग लड़की की मौत पर गुरुवार को विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस ने कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की। सरकार ने मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया, लेकिन विपक्ष नहीं माना। सदन में नारेबाजी के साथ कांग्रेस ने वाकआउट कर दिया।

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