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उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने दोहराया कि अब वार्ता नहीं, शासनादेश चाहिए

उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने दोहराया कि अब वार्ता नहीं, शासनादेश चाहिए

हड़ताल के दूसरे दिन सरकार की ओर से वार्ता की पेशकश आने पर उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने फिर दोहराया कि उनकी अभी एक ही मांग है। वह है बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली की। पूर्व में हो चुकी वार्ताओं में यह साफ किया जा चुका है। ऐसे में सरकार पहले शासनादेश जारी करे, उसके बाद ही हड़ताल वापस होगी। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को गिरफ्तार करना चाहती है तो अब यही सही। अब सभी कर्मचारी अपनी गिरफ्तारी देने को तैयार हैं।प्रदेशव्यापी बेमियादी हड़ताल के दूसरे दिन सचिवालय समेत विभिन्न विभागों के जनरल ओबीसी कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। यहां सभा चल ही रही थी कि गैरसैंण से एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष समेत तमाम कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिए जाने की खबर आ गई। इसके बाद सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक बात है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए 25 दिन से अधिक बीत गए।

शहरी विकास मंत्री उसके बाद मुख्यमंत्री से वार्ता हुई, जिसमें साफ कहा गया कि बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली के शासनादेश के बिना वह कदम पीछे खींचने वाले नहीं हैं। सरकार एससी-एसटी वर्ग के दबाव में इस बात को समझने के लिए तैयार नहीं है। ऊपर से लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वाले कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। जनरल ओबीसी वर्ग का अब हर कर्मचारी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार है। सरकार अस्थायी जेलें बनवा ले। एसोसिएशन के उच्चाधिकार प्राप्त समिति के संयोजक पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि सरकार तो वार्ता कर चुकी है। जिसमें हमने अपनी मांग भी बता दी है। उससे अलग कुछ भी नहीं है।  अब सिर्फ पदोन्नति बहाली के शासनादेश के अलावा किसी भी बात पर समझौता नहीं होगा। सभा को संयोजक मंडल के पदाधिकारी संदीप मौर्य, ठाकुर प्रहलाद सिंह, शक्ति प्रसाद भट्ट, पंचम सिंह बिष्ट, प्रताप सिंह पंवार, प्रवेश सेमवाल, मुकेश बहुगुणा व अन्य कर्मचारियों ने भी संबोधित किया।

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