देश के पूर्वोत्तर में बसा मिजोरम आज उस क्षण का गवाह बना, जिसका इंतजार वहां की जनता ने दशकों तक किया। पहाड़ों, घाटियों और हरियाली से घिरे इस राज्य ने पहली बार रेल इंजन की आवाज सुनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम की पहली रेलवे लाइन — बैरबी से सायरंग — का उद्घाटन करते हुए इतिहास रच दिया।
बैरबी-सायरंग रेलवे लाइन सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग की एक मिसाल है। 51.38 किलोमीटर लंबी इस लाइन के निर्माण में 45 सुरंगें और 142 पुल (55 बड़े, 87 छोटे) शामिल हैं। इसमें स्थित ब्रिज नंबर 144 114 मीटर ऊंचा है, जो कुतुब मीनार से भी ऊंचा है और देश का सबसे ऊंचा पियर रेलवे ब्रिज बन गया है।
प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक मौके पर तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया:
- सायरंग–आनंद विहार टर्मिनल राजधानी एक्सप्रेस
- सायरंग–गुवाहाटी एक्सप्रेस
- सायरंग–कोलकाता एक्सप्रेस
इनमें राजधानी एक्सप्रेस सप्ताह में एक बार, कोलकाता एक्सप्रेस सप्ताह में तीन बार, और गुवाहाटी एक्सप्रेस रोज चलेगी।
ट्रेन नंबर 20507 हर शुक्रवार शाम 4:30 बजे सायरंग से चलकर बैरबी, गुवाहाटी, न्यू जलपाईगुड़ी, मालदा टाउन, भागलपुर, पटना, प्रयागराज होते हुए रविवार सुबह 10:50 बजे दिल्ली पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन हर रविवार रात 7:50 बजे दिल्ली से रवाना होकर मंगलवार को दोपहर 3:15 बजे सायरंग पहुंचेगी।
रेल सेवा शुरू होने के साथ ही मिजोरम की जनता में उत्साह की लहर है। अब तक जहां उन्हें सड़कों या हवाई यात्रा पर निर्भर रहना पड़ता था, वहीं अब सस्ता, सुरक्षित और सीधा विकल्प मिल गया है। व्यापारियों को अपने उत्पाद बाहर भेजने में सहूलियत होगी, छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को राजधानी और बड़े शहरों से जुड़ने में सुविधा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये केवल रेलवे का विस्तार नहीं, बल्कि एक भारत को जोड़ने का प्रयास है। मिजोरम अब रेल के ज़रिए भारत के दिल से जुड़ गया है।”
यह चौथी राजधानी ट्रेन है जो दिल्ली से पूर्वोत्तर भारत को जोड़ती है। डिब्रूगढ़ और अगरतला के बाद अब सायरंग भी राजधानी एक्सप्रेस के मानचित्र पर शामिल हो गया है।