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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे शुरू होने से पहले ही धंसा

दिल्ली-देहरादून इकाॅनमिक कॉरिडोर अभी तक शुरू भी नहीं हुआ और वह पहले ही धंसने लगा। बागपत से शामली तक कई जगह से बारिश में किनारों से मिट्टी कटान होने के कारण सड़क धंस गई है। कॉरिडोर का निर्माण पहले ही देरी से चल रहा है और अब सड़क को ठीक करने में ज्यादा समय लगेगा।बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से सहारनपुर तक के दिल्ली-देहरादून इकाॅनमिक कॉरिडोर के हिस्से का निर्माण चल रहा है। इसको पहले दिसंबर 2024 तक शुरू करने का दावा किया गया था। मगर इसका कार्य देरी से चल रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि इसको दिसंबर 2025 तक शुरू कर दिया जाएगा। इसके शुरू होने से पहले ही निर्माण की पोल खुलने लगी है और इसकी शुरूआत होने में वह बड़ी अड़चन है। बारिश के कारण कॉरिडोर के किनारों से मिट्टी का कटान हो गया है क्योंकि करीब तीस फीट तक मिट्टी का भराव करके उसे बनाया गया है। इसलिए ही मिट्टी कटान हो गया और काठा-मवीकलां, दुड़भा-पाली, बड़ौत समेत कई जगह सडक़ धंस गई। ऐसे में वहां दोबारा से मिट्टी का भराव कराकर सड़क निर्माण करना होगा। इस तरह कॉरिडोर निर्माण में देरी होती जा रही है।कॉरिडोर का अभी काफी कार्य बाकी : कॉरिडोर का अभी तक 85 प्रतिशत निर्माण कार्य हुआ है। कई जगह सड़क निर्माण कार्य बाकी है तो मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे, मुजफ्फरनगर मार्ग समेत अन्य जगहों पर इंटरचेंज का निर्माण नहीं हुआ है। फ्लाईओवर को जोडऩे, स्लॉप के प्रोटेक्शन, सर्विस रोड का निर्माण, लाइटिंग का कार्य भी नहीं हुआ है। इनमें एक सबसे अहम मवीकलां में फ्लाईओवर व मुख्य टोल प्लाजा का निर्माण भी बाकी है। बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर को कॉरिडोर का फायदा : इस कॉरिडोर की शुरूआत दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से होगी और यह देहरादून में खत्म होगा। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे तक इसे एलिवेटेड बनाया गया है और आगे मिट्टी डालकर ऊंचाई पर बनाया गया है। इसका निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करके शुरू करने का समय तय किया गया था। इस कॉरिडोर से बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के अलावा आसपास के जिलों व दिल्ली के लोगों को काफी फायदा होगा।