देहरादून।
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामे से हुई। कांग्रेस ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की। सरकार के खिलाफ नारेबाजी के बाद अभिभाषण के बीच में ही कांग्रेस ने सदन का वॉकआउट किया।
आज सुबह जैसे ही राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल(सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने अभिभाषण पढ़ना शुरु किया। कांग्रेस के सदस्यों ने सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सत्र को मात्र तीन दिन ही चलाना चाहती है जो विधायकों के साथ जनता के लिए भी अहितकर होगा। विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण व सामान्य बजट पर सदन में चर्चा करना चाहता है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। खुलेआम लूट मची हुई है और सरकार अपने में मस्त है। इस बीच कुछ विपक्षी विधायकों ने “राज्यपाल वापस जाओ, अंकिता को न्याय दो” आदि नारे भी लगाए। बाद में विपक्ष ने शोरशराबे के बीच सदन से बहिर्गमन कर दिया।
राज्यपाल का अभिभाषण:
देवभूमि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में दिए जा रहे सहयोग के लिए मैं आप सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। इस रजत जयन्ती वर्ष में मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हम आगामी वर्ष में विकास की नई ऊँचाईयों को प्राप्त करेंगे तथा प्रत्येक क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर सकेंगे।
हमारा युवा प्रदेश आप सभी के सहयोग से समृद्ध उत्तराखण्ड एवं सशक्त उत्तराखण्ड की ओर तेजी से अग्रसर है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। इन उपलब्धियों के प्रतिफल स्वरूप हमारा प्रदेश “सशक्त उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है तथा प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी की ओर अग्रसर है।
हमारी सरकार, विरासत में प्राप्त संस्कृति के साथ विकसित और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विगत वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम काल रहा है।
भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई नये आयाम स्थापित किये गये। जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण कदमों एवं उपलब्धियों पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा:
गृह विभाग द्वारा संविधान निर्माताओं के अनुरूप स्वतंत्रता के पश्चात उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले ‘समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। जिसमें प्रमुख रूप से मातृशक्ति के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है। समान नागरिक संहिता के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है।हमारी सरकार द्वारा तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 01 जुलाई 2024 से राज्य में लागू किया गया।
उत्तराखण्ड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली, अधिनियम-2024 दिनांक 20 सितम्बर, 2024 को लागू किया गया। जिसमें व्यवस्था की गयी है कि राज्य में हड़ताल, बन्द, दंगा एवं विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों से सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जायेगी तथा इनमें से किसी की मृत्यु होने पर कानूनी धारायें लगाये जाने के साथ ही आरोपितों को क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।
• “ऑपरेशन स्माइल” अभियान के अन्तर्गत बच्चों / गुमशुदाओं को ट्रैस किया जा रहा है तथा “ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को मुक्त कराकर बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया जा रहा है।
• साइबर क्राइम से सम्बन्धित प्रकरणों में सहायता हेतु जनता के लिए साइबर हेल्प लाइन नम्बर 1930 जारी किया गया है। जन जागरूकता हेतु विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, बैनर होल्डिंग, पम्पलेट्स आदि के माध्यम से साइबर सुरक्षा टिप्स आमजन को साझा किये जा रहे हैं।
• यातायात प्रबन्धन के क्षेत्र में यात्रियों की सुविधा हेतु Map My India एवं Google Map के साथ हुए समझौते के आधार पर राज्य की Real Time Traffic Advisory की सुविधा Mapple/Google Map के माध्यम से आमजन को प्रदान की जा रही है।
• कारागार विभाग द्वारा उत्तराखण्ड बन्दी की मृत्यु पर विधिक उत्तराधिकारियों को प्रतिकर / मुआवजा राशि के भुगतान की नीति-2024 लागू की गयी है।
भारतीय ओलम्पिक संघ द्वारा राष्ट्रीय खेलों के मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड सरकार को प्रदान किया गया। इस हेतु खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 28 जनवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 तक विभिन्न स्थानों पर 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। हमारी सरकार की खेल नीतियों का ही प्रभाव रहा कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड के युवा खिलाड़ियों द्वारा अभूतपूर्व प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया गया। उत्तराखण्ड में हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखण्ड ने 100 से अधिक पदक प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया। विगत राष्ट्रीय खेलोंराज्य में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खेल महाकुम्भ के आयोजन में प्रत्येक वर्ष लगभग दो लाख से अधिक खिलाड़ियों (बालक एवं बालिकाओं) द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में दिव्यांग खिलाड़ियों को भी खेल का अवसर प्रदान किया जाता है।
• मा० मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना / प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 8 से 14 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह रू0 1500/- छात्रवृत्ति एवं 14 से 23 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह रू0 2000/- छात्रवृत्ति दिये जाने के साथ ही रू० 10000/- प्रति खिलाड़ी खेल उपकरण हेतु दिया जा रहा है।
• अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित / अराजपत्रित पदों पर आउट आफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
. नियोजन विभाग द्वारा राज्य में उपलब्ध संसाधनों के युक्ति संगतीकरण के लिये नीति नायोग, भारत सरकार की तर्ज पर उत्तराखण्ड में State Institute for Empowering & ransforming Uttarakhand (सेतु) का गठन किया गया है।
• उत्तराखण्ड राज्य ने सतत् विकास लक्ष्यों के अन्तर्गत संपूर्ण देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रभावी स्थानीयकरण तथा अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल संस्थाओं तथा चिन्हित व्यक्तियों को विगत दो वर्षों से “SDG Achievers Award” से सम्मानित किया जा रहा है।
• CM Conclave के एजेण्डा बिन्दु हरियाणा परिवार पहचान पत्र की तर्ज पर उत्तराखण्ड राज्य में “परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड” योजना का निर्माण किया जा रहा है। योजना से राजकीय कार्यों में पारदर्शिता एवं वास्तविक लाभार्थियों तक योजनाओं की सीधी पहुँच हो सकेगी।
औद्योगिक विकास विभाग द्वारा वैश्विक निवेशक सम्मेलन में गत् वर्ष हुए निवेश स्ताव के आधार पर ऊर्जा, आवास, विनिर्माण, आधारभूत संरचना एवं पर्यटन आदि के नत्र में निवेश की ग्राउडिंग तेजी से हो रही है।
राज्य की स्टार्टअप नीति के अंतर्गत 168 स्टार्टअप तथा 15 इन्क्यूबेटर को मान्यता प्रदान की गयी है। भारत सरकार द्वारा राज्य के 1196 स्टार्टअप को पंजीकृत किया गया है। वर्तमान में स्टार्ट बैंकिंग में बीसी में सानितस्टार्टअप को इन्क्यूबेशन सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘यू-हब’ नाम से आईटी पार्क देहरादून में इन्क्यूबेटर की स्थापना की जा रही है, जिससे राज्य में 73000 वर्ग फीट का इन्क्यूबेशन क्षेत्र उपलब्ध हो सकेगा।
• खुरपिया फार्म (किच्छा) में 1002 एकड़ भूमि पर भारत सरकार की अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) स्वीकृत किया गया है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से राज्य में विनिर्माण उद्यमों में पूंजी निवेश के प्रोत्साहन के साथ ही राज्य के युवाओं को स्थानीय स्तर पर और अधिक रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
• सूक्ष्म एवं लघु स्तर के उद्यमियों को Plug and Play Model पर उद्यम स्थापना हेतु स्थान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हरिद्वार में फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना की जा रही है।
. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा “अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” तथा “प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” का आयोजन किया गया, जिसमें प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा प्रमुख रूप से पलायन के कारण खाली हुए गांवों को गोद लेकर विकसित करने का संकल्प लिया गया। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन में 26 देशों के लगभग 60 प्रवासियों द्वारा भागीदारी की गयी। जिनके द्वारा उत्तराखण्ड में विनिर्माण, ऊर्जा, उत्पादन एवं स्टार्ट-अप में निवेश में रूचि दिखाई गयी।
• विदेश मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सहभागिता से देहरादून में विदेश सम्पर्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
• उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 25 वीं वर्षगांठ को रजत जयंती के रूप में पूरे प्रदेश में वृहद पैमाने पर धूम-धाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एवं कई महानुभावों को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया।
. आयुष विभाग द्वारा माह दिसम्बर 2024 को देहरादून में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपो का आयोजन किया गया। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न कम्पनियों एवं विख्यात आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
राज्य में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाऐं उपलब्ध कराने के दृष्टिगत अस्पतालों का गनेजी रैया चैली-जागी रैया नोनी योजना में आर०बी०एस०के० कार्यक्रम के अन्तर्गत 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों के स्वास्थ्य परीक्षण यथा हीमोग्लोबिन इत्यादि की जांच निःशुल्क की जा रही है।
• उत्तराखण्ड राज्य में नैफ्रो डायलिसिस यूनिट क्रमशः जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून एवं बेस चिकित्सालय, हल्द्वानी में लोक निजी सहभागिता के अन्तर्गत स्थापित की गयी है, जिसके अन्तर्गत बी०पी०एल० एवं एच०आई०वी० रोगियों को यह सुविधा निःशुल्क दी जाती है।
• पं० दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय, देहरादून में इनवेसिव कार्डियक केयर यूनिट स्थापित करने हेतु M/S Meditrina Hospital Pvt. Ltd, Kerala से अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया। अनुबन्ध के अन्तर्गत नवीन चयनित संस्था द्वारा राज्य के बी०पी०एल० नागरिकों को सी०जी०एच०एस० की दर पर 12 प्रतिशत की छूट प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा।
. कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा “उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के चिन्हित आन्दोलनकारियों या उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण अधिनियम-2023′” पारित किया गया, जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य की राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिन्हित आन्दोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
. समाज कल्याण विभाग द्वारा दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों को विश्व दिव्यांग दिवस पर पुरस्कार के रूप में दी जानी वाली धनराशि को₹5000 (₹ पाँच हजार) से बढ़ाकर * 8000 (रू० आठ हजार) की गयी है एवं कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि को * 3500 (रू० तीन हजार पाँच सौ) से बढ़ाकर₹7000 (रू० सात हजार) किया गया है।
• जनजातीय शोध संस्थान एवं संग्रहालय, उत्तराखण्ड द्वारा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों, छात्रावासों, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों में खेल के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय जनजाति युवा खेल महोत्सव का आयोजन किया गया।
• जनपद के दूरस्थ स्थानों में निवासरत अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को शहरी क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने हेतु समाज कल्याण विभाग द्वाराआवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है।
. पर्यटन विभाग द्वारा राज्य में पहली बार टिहरी एक्रो फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें 26 देशों के 54 विदेशी तथा 120 देशी पैराग्लाईडिंग पायलटों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
• पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनपद उत्तरकाशी के जखोल को Best Tourism Village का पुरस्कार, जनपद बागेश्वर के सूपी को Best Adventure Village पुरस्कार, जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम गुंजी एवं जनपद उत्तरकाशी के हर्षिल को Best Vibrant Village पुरस्कार प्रदान किया गया।
• बाईब्रेंट विलेज योजना के अन्तर्गत उत्तरकाशी के जांदुग गांव जो कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय खाली करवाया गया था, गांव में जीर्ण-क्षीर्ण भवनों को पुनर्निर्मित करते हुए होम स्टे के रूप में विकसित करने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है।
• पर्यटन के क्षेत्र में 01 से 05 करोड़ तक का निवेश करने वाले प्रदेश के स्थायी निवासियों / उद्यमियों को प्रोत्साहित एवं आर्थिक रूप से सबल बनाये जाने हेतु उत्तराखण्ड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024 प्रारम्भ की गयी है।
• पूरे वर्ष चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों सहित पूरे प्रदेश में पर्यटन को नया आयाम देने के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू की गई है।
. कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा सहसपुर, देहरादून स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को स्किल हब के रूप में विकसित करते हुए विदेश रोजगार प्रकोष्ठ के साथ-साथ मॉडल कैरियर सेंटर की स्थापना की गई है।
• राज्य के युवाओं को आधुनिक उद्योग की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित किये जाने हेतु राज्य के 13 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को टाटा टैक्नोलॉजी प्रा०लि० के माध्यम से उन्नयन (Upgradation) किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
• सेवायोजन कार्यालयों के अन्तर्गत संचालित कुल 16 शिक्षण एवं मार्गदर्शन केन्द्रों के माध्यम से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडा वर्ग एवंपरिवहन विभाग द्वारा वाहनों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हेतु वाहनों में वी.एल.टी. (Vehicle Location Tracking) डिवाइस संस्थापित की जा रही है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसके द्वारा एन.आई.सी के सहयोग से भारत सरकार के मानकों के अनुरूप बैकएण्ड साफ्टवेयर बनाया गया है।
सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत स्पीड रडार गन युक्त ए.एन.पी.आर. (Automated number plate recognition) कैमरों की स्थापना की जा रही है।
• ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने हेतु व्यावसायिक वाहनों में Speed Limiting Device की अनिवार्यता के फलस्वरूप वाहनों में गति नियन्त्रक उपकरण संयोजित किये जा रहे हैं।
• सार्वजनिक सेवायानों से होने वाली दुर्घटनाओं में यात्री या अन्य व्यक्ति की मृत्यु होने पर या दो अंगो की पूर्ण हानि होने पर या दोनों नेत्रों की दृष्टि की पूर्ण हानि होने पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता को दोगुना करते हुए मृतक आश्रितों को दो लाख की राहत राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
• सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नियमावली प्रख्यापित की गई है।
. नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा क्षेत्रीय सम्पर्क योजना (RCS) के अंतर्गत 13 स्थानों पर हैलीपोर्ट विकसित किये जा रहे हैं जिनमें चिन्यालीसौड़, गौचर, कोटी कॉलोनी, श्रीनगर, फलसीमा टाट्रिक, हल्द्वानी, सहस्त्रधारा, मुनस्यारी का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
. लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवम्बर, 2024 तक 116 कि०मी० मार्गों का निर्माण, 579 कि०मी० का पुनःनिर्माण तथा 11 सेतुओं का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त 18 ग्रामों को सड़क यातायात से जोड़ा गया तथा पूर्व निर्मित पक्के मोटर मार्गों में कुल 1129 कि०मी० मार्गों का नवीनीकरण कार्य किया गया।
• जनपद टिहरी गढ़वाल के विधान सभा क्षेत्र नरेन्द्रनगर के अन्तर्गत वर्ष 1929 में निर्मित लक्ष्मणझूला सेतु के समीप 132 मी० स्पान के वैकल्पिक सेतु का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसका लगभग 60% कार्य पूर्ण हो चुका है।
• वर्तमान में प्रदेश में डक्ट पॉलिसी तैयार करने हेतु अनुबन्ध गठित किया गया है। डक्ट पॉलिसी तैयार होने के उपरान्त उसे प्रथमतः प्रमुख शहरों एवं सभी फोर लेन/ टू लेन मार्गों में लागू किया जाना लक्षित है।14) आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत IIT रुड़की के माध्यम से भूकम्प चेतावनी तंत्र विकसित किया गया है, जिसके अन्तर्गत राज्य में कुल 177 सेंसर तथा कुल 112 साइरन स्थापित किये गये हैं।
• राज्य में मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी प्राप्त किये जाने हेतु 03 स्थानों पर यथा, मुक्तेश्वर-नैनीताल, सुरकन्डा-टिहरी तथा लैंसडॉउन-पौड़ी में डॉप्लर रडार स्थापित हैं, जिनसे उत्तराखण्ड राज्य में मौसम के पूर्वानुमान की और अधिक सटीक जानकारी प्राप्त हो रही हैं।
. वित्त विभाग द्वारा जी०एस०टी० के अन्तर्गत व्यापारियों के नये पंजीयन के संबंध में उत्तराखण्ड राज्य में बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू की गयी है।
• भारत सरकार द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के स्तर पर धन की उपलब्धता व कुशल नगदी प्रबंधन के उद्देश्य से राज्य आई०एफ०एम०एस०, पी०एफ०एम०एस० तथा भारतीय रिजर्व बैंक के अन्तर्गत एक वैकल्पिक निधि प्रवाह तंत्र Just in Time-SNA Sparsh को चरणबद्ध रूप से प्रारम्भ किया गया है।
• लेखा परीक्षा कार्यों के सम्पादन में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं प्रमाणिकता सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा इन्टरनल ऑडिट मैनुअल, रेवेन्यू ऑडिट मैनुअल आदि नियम संग्रह प्रख्यापित किये गये हैं।
. भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास एवं कल्याण हेतु प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के अन्तर्गत जिला खनिज फाउन्डेशन न्यास का गठन किया गया है, जिसके द्वारा जनपद स्तर पर खनिज प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्य कराये जाते है।
• प्रदेश में अवैध खनन, अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु Mining Digital Transformation and Surveillance System योजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही गतिमान है साथ ही प्रदेश में खनिजों के क्रय विक्रय हेतु ई-रवन्ना पोर्टल तैयार किया गया है।
• राज्य में खनन राजस्व गत वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना हुआ है।राज्य के राजकीय एवं राजकीय सहायता प्राप्त (अशासकीय) विद्यालयों में अध्ययनरत् कक्षा-1 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी हैं।
• शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाये जाने हेतु एवं छात्र-छात्राओं के ड्रॉपआउट पर नियंत्रण हेतु भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित विद्या समीक्षा केन्द्र को सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है।
. ग्राम्य विकास द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजनान्तर्गत ग्रामीण अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
• वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के बहुमुखी विकास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के जनपद उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ के कुल 51 गांवों का चयन किया गया है।
• राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली दो सौ पचास (250) तक की आबादी जो मोटर मार्ग संयोजन से वंचित रह गयी हैं, उन असंयोजित बसावटों को मुख्य मोटर मार्गों से संयोजन प्रदान किये जाने और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यटन, आर्थिक और सामाजिक सेवाओं को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना’ प्रारम्भ की गयी है।
. शहरी विकास विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन 2.0-शहरी के अन्तर्गत 5400 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय, 218 सामुदायिक / सार्वजनिक शौचालय तथा 105 सामुदायिक मूत्रालय निर्मित किये जाने का लक्ष्य है।
• फेरी व्यवसायियों को सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के फेरी व्यवसायियों का सर्वेक्षण कर वेंडिंग सर्टिफिकेट एवं पहचान पत्र उपलब्ध कराये गये।
• विश्व बैंक के सहयोग से 14 नगर निकायों में सम्पत्तियों की जी०आई०एस० मैपिंग, ऑनलाइन म्यूनिसिपल एक्यूरल एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
. ऊर्जा विभाग द्वारा जल विद्युत परियोजनाओं के विकास को गति प्रदान करने हेतु यूजेवीएन लिमिटेड एवं टी०एच०डी०सी० का संयुक्त उपक्रम का गठन कर कुल 489 मे०वा० क्षमता की 03 जल विद्युत परियोजनाएं एवं कुल 1230 मे०वा० क्षमता की 02 पम्प स्टोरेज परियोजनाएं आवंटित की गयी हैं।हिमाच्छादित क्षेत्र के घरेलू श्रेणी के ऐसे विद्युत उपभोक्ता जिनका मासिक विद्युत उपयोग 200 यूनिट तक है, को लागू विद्युत दरों में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गई है। अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के ऐसे उपभोक्ता जिनका अनुबन्धित विद्युत भार 01 किलोवाट तक तथा मासिक विद्युत उपयोग 100 यूनिट तक है, को भी विद्युत दरों में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गई है।
• उत्तराखण्ड राज्य पी०एम०-जनमन-योजना के अन्तर्गत बुक्सा तथा राजी जनजातियों के चिन्हित घरों को ग्रिड के माध्यम से निःशुल्क ससमय विद्युतीकृत कर इस कार्य में देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित हुआ है।
• सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल की गई है। राज्य सरकार के प्रयासों से लगभग 600 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा रही है।
. पेयजल विभाग द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत कुल 96.42 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल संयोजन सुविधा से आच्छादित किया जा चुका है तथा अवशेष ग्रामीण परिवारों को मार्च, 2025 तक नल संयोजन सुविधा से आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है।
• अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के अन्तर्गत जल आपूर्ति किये जाने हेतु स्वीकृत 22 योजनाओं में कार्य पूर्ण कर 1,05,087 व्यक्तिगत घरेलू संयोजन प्रदान किये जा चुके हैं।
. सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल परियोजना के निर्माण से देहरादून शहरी एवं उपनगरीय क्षेत्रों हेतु वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी के लिये 150 एम०एल०डी० पेयजल की आपूर्ति ग्रेविटी द्वारा सुनिश्चित की जा सकेगी। बांध निर्माण से बनने वाली झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किये जाने पर रोजगार के साथ-साथ देहरादून के समीप एक नया Tourist Destination भी तैयार होगा।
• जनपद पौड़ी गढवाल के द्वारीखाल विकासखण्ड में पूर्वी नयार नदी पर सतपुली बैराज योजना के निर्माण से पेयजल आपूर्ति, सिंचाई हेतु पानी, ग्राउन्ड वाटर रिचार्ज एवं राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
• वित्तीय वर्ष 2024-25 में लघु सिंचाई कार्यक्रमों के अन्तर्गत 4910 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन किया गया।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी योजना के अन्तर्गत 187 सिंचाई हौज, 96.63 कि०मी० पाईपलाईन एवं 256 कि0मी0 सिंचाई गूल क निर्माण किया गया।
• प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (PM-KUSUM) के अन्तर्गत 473 डीजल पम्पसेट को सोलर पम्पसेट में परिवर्तित किया जा चुका है।
.महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटियों के जन्म को सकारात्मक बनाने एवं शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी की महत्वकांक्षी योजना बेर्ट बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को उत्तराखण्ड की ओर से सशक्त बनाने के उद्देश्य से नंदागौरा योजना संचालित की जा रही है।
• मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के अन्तर्गत प्रसूता महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु सामग्रीयुक्त किट प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत प्रतिमाह बच्चों को फोर्टिफाईड दुग्ध प्रदान किया जा रहा है।
. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक विकास रोजगार के अवसर उत्पन्न करने, उनके पारम्परिक कौशल का संरक्षण, पुनर्जीवीकरण एक उन्नयन करने एवं कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण देते हुए स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री हुनर योजना’ संचालित की जा रही है, जिसके अन्तर्गत मदरसो को जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है, ताकि मदरसे में अध्ययनरत छात्र/छात्राये स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हो सकें।
• अल्पसंख्यक बालिकाओं के ड्रॉपआउट दर को कम करने तथा उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित किए जाने हेतु 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली मेधावी बालिकाओं को ‘मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत अधिकतम ₹25,000/- ( पच्चीस हजार मात्र) तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
. कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा गंगा नदी स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत “नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजना” का संचालन किया जा रहा है।राज्य में उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कीवी मिशन का क्रियान्वयन प्रदेश के 05 जनपदों (चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर व चम्पावत) में किया जा रहा है।
• प्रदेश के सुदूरवर्ती, लघु एवं सीमान्त कृषकों तक कृषि यंत्रीकरण की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से 3398 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की गयी है।
. गन्ना चीनी विभाग द्वारा राज्य में गन्ने के प्रति हेक्टेयर उत्पादन में वृद्धि किए जाने एवं चीनी मिलों को उनकी आवश्यकता के अनुसार गन्ना उपलब्ध कराने के दृष्टिगत गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं प्रदेश के बाहर के शोध केन्द्रों द्वारा विकसित उन्नतशील गन्ना प्रजातियों की आधार एवं प्राथमिक पौधशालायें अधिष्ठापित करायी जा रही है।
• चीनी मिल किच्छा एवं बाजपुर के लघु आधुनिकीकरण अन्तर्गत ब्वायलर एवं अन्य आवश्यक उपकरण में तकनीकी परिवर्तन / अपग्रेडेशन कराया गया, जिससे चीनी मिल में बैगास/विद्युत खपत में कमी आयी है और चीनी परता में वृद्धि हुई है।
. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के प्राथमिक परिवार एवं अन्त्योदय परिवार के लगभग 14 लाख परिवारों को प्रति राशनकार्ड 08 रू प्रति कि०ग्रा० की दर से प्रतिमाह 01 कि०ग्रा० नमक सब्सिडाईज्ड दरों पर वितरण किया जा रहा है।
• संयुक्त राष्ट्र-विश्व खाद्य कार्यक्रम (UN-WFP) के सहयोग से राज्य में 21 ग्रेन एटीएम स्थापित किये गये हैं, जहां से उपभोक्ताओं को बायोमैट्रिक के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
• मुख्यमंत्री अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के अन्तर्गत अन्त्योदय राशनकार्डधारक परिवारों को तीन गैस सिलेण्डर रिफिल निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा उक्त योजना को वित्तीय वर्ष 2026-27 तक विस्तारित कर दिया गया है।
. पशुपालन विभाग द्वारा ग्राम्य गोसेवक योजनान्तर्गत निराश्रित नर गोवंशीय पशुओं को आश्रय प्रदान करते हुए रू0 80.00 प्रतिदिन / प्रति पशु की दर से भरण पोषण अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
.सरकार के नीतिगत एवं अभिनव प्रयासों से मात्स्यिकी क्षेत्र का समुचित विस्तार हो रहा है एवं इस वर्ष भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य हेतु उत्तराखण्ड को पुरस्कृत किया गया है साथ ही जनपद ऊधमसिंहनगर में राज्य स्तरीय इण्टीग्रेटेड एक्वापार्क एवं आधुनिक फिश मार्केट का निर्माण कराया जा रहा है।
• राज्य के बकरी बाहुल्य क्षेत्रान्तर्गत बकरी इकाई हेतु गोट वैली एवं कुक्कुट पालन में स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में ब्रायलर फार्म की स्थापना की जा रही है।
• संयुक्त उद्यम माडल पर श्रीनगर में Cow dung व Bio mass based Bio gas संयंत्र की स्थापना की जा रही है।
. सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा ‘अपुणि सरकार’ परियोजना के अन्तर्गत अनेक जनकेन्द्रित सेवायें नागरिकों को प्रदान की जा रही है। अपुणि सरकार पोर्टल को भारत सरकार के प्रशासनिक एवं लोक शिकायत विभाग के NesDA फ्रेमवर्क द्वारा देशभर में बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में पहचान मिली है।
• उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र (यू-सैक) द्वारा प्रदेश के विभिन्न विभागों की भूमि/परिसंपत्तियों पर अतिक्रमण को रोके जाने एवं हटाये जाने हेतु उत्तराखण्ड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेन्ट सिस्टम (UKGAMS) पोर्टल तैयार किया जा रहा है।
• उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान प्रौद्यागिकी परिषद् (यू-कॉस्ट) द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सहयोग से विज्ञान धाम, झाझरा, देहरादून में सांइस सिटी की स्थापना हेतु कार्य गतिमान है।
• उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत वर्तमान में 1015 महत्वपूर्ण सेवाएं अधिसूचित हैं।
. वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा एक पेड़ माँ के नाम Hashtag का प्रयोग कर वृहद वृक्षारोपण के अन्तर्गत 30250.23 है0 में 206.43 लाख पौध रोपित की गयी।
• राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2023 में ईको टूरिज्म नीति घोषित की गयी है। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं इससे अतिरिक्त आजीविका के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु 18 ईको टूरिज्म गन्तव्यों को विकसित किया जा रहा है।मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने व जंगली जानवरों से खेती की रक्षा हेतु बायोफेसिंग, बन्दरों का बन्ध्याकरण, फारेस्ट लैण्डस्केप रेस्टोरेशन सहित वनों के घनत्व में वृद्धि हेतु कार्य किये जा रहे हैं।
• राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण की रोकथाम व प्रदूषण में कमी लाने के उद्देश्य से औद्योगिक इकाईयों में प्रदूषणकारी ईंधन के रूप में फर्नेस ऑयल के प्रयोग को पूर्ण रूप से बन्द किया गया है।
. पंचायतीराज विभाग द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के कार्यों में गति लाने हेतु ई-निविदा के माध्यम से राज्य के 95 विकास खण्डों में कॉम्पैक्टर की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में कुल 88 कॉम्पैक्टर स्थापित किये जा चुके हैं।
• पंचायत भवन विहीन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा पंचायत भवन निर्माण विशेष योजना के तहत पंचायत भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
. तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा उद्योगों की मांग एवं राज्य को ज्ञान आधारित हब के रूप में विकसित करने हेतु प्रदेश के 15 पॉलिटेक्निक संस्थानों में नई प्रौद्योगिकियों यथा Automation & Robotics, Civil & Environmental Engg., Aircraft Maintenance Engg., Gaming & Animation, Artificial Intelligence & Machine Learning, Communication & Computer Networking जैसी Emerging Technology के नये पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
• वीर माधों सिंह भण्डारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य में तकनीकी कार्यों को सफलता पूर्वक संचालित करते हुए प्रदेश के अन्दर पहली बार ‘ऑनलाइन पोर्टल से समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से प्रवेश सम्बन्धी समस्त कार्य संपन्न कराये जा रहे है।
. राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा उत्तराखण्ड निवास, नई दिल्ली नवीन भवन का निर्माण कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका हैं।
• अयोध्या धाम में श्री राम मन्दिर के समीप समस्त प्रदेश हेतु आरक्षित भूमि में से प्रदेश हेतु लगभग 1.16 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। उक्त भूमि में प्रदेशवासियों व महानुभावों / अधिकारीगणों हेतु अतिथि गृह के निर्माण के संबंध में विभागीय कार्यवाही गतिमान है।सैनिक कल्याण विभाग द्वारा जनपद देहरादून के गुनियाल गांव में शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है एवं विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर शहीद द्वार / स्मारकों का निर्माण कराया जा रहा है।
.श्रम विभाग द्वारा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों का एकीकृत राष्ट्रीय डाटा बेस निर्मित करने हेतु भारत सरकार द्वारा आरम्भ ई-श्रम पोर्टल में 16 से 50 आयु वर्ग के कामगारों के पंजीकरण की प्रक्रिया सत्त रूप से गतिमान है।
• कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अन्तर्गत पंजीकृत लाभार्थियों एवं उनके आश्रितों को धनवन्तरी माड्यूल के माध्यम से चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करायी जा रही है।
. आबकारी विभाग द्वारा बाहरी प्रदेशों से शराब की तस्करी एवं अवैध शराब के व्यवसाय पर प्रभावी रोक लगाने हेतु विभाग में ट्रैक एण्ड ट्रैस प्रणाली लागू किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है। जिससे अवैध मदिरा के विक्रय के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में मदिरा उत्पादन व विक्रय करने वाले समस्त अनुज्ञापनों पर पूर्ण नियंत्रण व निगरानी सम्भव हो पायेगी।
. संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग द्वारा धार्मिक आस्था के महत्वपूर्ण केन्द्र प्रदेश के लगभग 100 वर्ष पुराने देवालयों, मंदिरों, स्थलों एवं स्मारकों का वृहद सर्वेक्षण कर उनके विकास हेतु विरासत का अंगीकार से जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
• संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन संचालित ललित कला अकादमी का क्षेत्रीय कार्यालय एकीकृत हिमालय सांस्कृतिक परिसर गढ़ीकेन्ट देहरादून में स्थापित किया जायेगा।
. जलागम विभाग द्वारा उत्तराखण्ड के चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में पर्वतीय कृषि को लाभदायक तथा ग्रीन हाउस गैस न्यूनीकरण हेतु सक्षम बनाने के लिए सुदृढ़ उत्पादन प्रणाली विकसित करने हेतु ‘उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना राज्य के 08 जनपदों के 13 विकासखण्डों के चयनित 1,005 राजस्व ग्रामों में संचालित की जा रही है।
• विभाग द्वारा राज्य स्तरीय Spring And River Rejuvenation Authority (SARRA) का गठन किया गया है जिसका उद्देश्य राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों एवं नदियों का चिन्हीकरण, जल उत्सर्जन में वृद्धि, मापन एवं अनुश्रवण तथा वर्षा आधारित नदियों के चिरस्थायी प्रवाह हेतु स्थानीयसहभागिता एवं वैज्ञानिक पद्धतियों से वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चैकडैम आदि के माध्यम से उनका उपचार करते हुये सतत उपयोग सुनिश्चित करना है।
. सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा सांस्कृतिक दलों के माध्यम से ग्रामीण अंचलों तक राज्य सरकार की विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
• राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क शूटिंग व्यवस्था एवं आकर्षक फिल्म नीति लागू की गई है तथा शूटिंग हेतु अनुमति सिंगल विन्डों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
.न्याय विभाग के माध्यम से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कुल 14,654 विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविरों / कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही कुल 3,421 व्यक्तियो को निःशुल्क कानूनी सहायता के अन्तर्गत अधिवक्ताओं की सुविधा प्रदान करायी गयी एवं 13,313 व्यक्तियों को निःशुल्क कानूनी सलाह / परामर्श दिया गया।
.सहकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के अन्तर्गत पशुपालकों एवं पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं को सहकारी समितियों के माध्यम से सायलेज / पशुआहार वितरित किया जा रहा है।
• राज्य में कार्यशील पैक्स को उर्वरक खुदरा विक्रेता के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में 460 पैक्सों में प्रधानमंत्री समृद्धि केन्द्र खोले जा चुके हैं।
विशेष रूप से उल्लेख करना है कि उत्तराखण्ड राज्य में वर्ष 2000-2001 में प्रति व्यक्ति आय रू0 16,232 (सोलह हजार दो सौ बत्तीस) थी, जो वर्ष 2023-24 में रू0 2,46,178 (दो लाख छियालिस हजार एक सौ अठहत्तर) हो गयी है, जो हमारी राज्य की निरन्तर प्रगति को दर्शाता है। राज्य में बेरोजगारी दर में कमी आई है। राज्य सरकार द्वारा पारदर्शी और नकल विहीन परीक्षाओं का आयोजन किया गया, जिससे राज्य के प्रतिभावान युवाओं को सरकारी सेवाओं में निरंतर अवसर मिल रहे हैं।
मेरे द्वारा हमारी सरकार के विगत वर्ष में किये गये विकास कार्यों का संक्षिप्त विवरण के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये सरकार की प्राथमिकताओं का संक्षिप्त विवरण आपके समक्ष रखा है। सरकार निष्ठापूर्वक अपने संकल्पों एवं लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिये प्रतिबद्ध है। सरकार की प्राथमिकता राज्य को विकसित राज्य की श्रेणी में ले जाना है। हमारी सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में अमन चैन का माहौल कायम रहे। प्रदेश में निवास करने वाले सभी धर्म, समुदाय और वर्ग के लोग परस्पर प्रेम और सौहार्द के साथ जीवन यापन करें।
देहरादून।
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामे से हुई। कांग्रेस ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की। सरकार के खिलाफ नारेबाजी के बाद अभिभाषण के बीच में ही कांग्रेस ने सदन का वॉकआउट किया।
आज सुबह जैसे ही राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल(सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने अभिभाषण पढ़ना शुरु किया। कांग्रेस के सदस्यों ने सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सत्र को मात्र तीन दिन ही चलाना चाहती है जो विधायकों के साथ जनता के लिए भी अहितकर होगा। विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण व सामान्य बजट पर सदन में चर्चा करना चाहता है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। खुलेआम लूट मची हुई है और सरकार अपने में मस्त है। इस बीच कुछ विपक्षी विधायकों ने “राज्यपाल वापस जाओ, अंकिता को न्याय दो” आदि नारे भी लगाए। बाद में विपक्ष ने शोरशराबे के बीच सदन से बहिर्गमन कर दिया।
राज्यपाल का अभिभाषण:
देवभूमि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में दिए जा रहे सहयोग के लिए मैं आप सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। इस रजत जयन्ती वर्ष में मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हम आगामी वर्ष में विकास की नई ऊँचाईयों को प्राप्त करेंगे तथा प्रत्येक क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर सकेंगे।
हमारा युवा प्रदेश आप सभी के सहयोग से समृद्ध उत्तराखण्ड एवं सशक्त उत्तराखण्ड की ओर तेजी से अग्रसर है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। इन उपलब्धियों के प्रतिफल स्वरूप हमारा प्रदेश “सशक्त उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है तथा प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी की ओर अग्रसर है।
हमारी सरकार, विरासत में प्राप्त संस्कृति के साथ विकसित और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विगत वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम काल रहा है।
भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई नये आयाम स्थापित किये गये। जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण कदमों एवं उपलब्धियों पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा:
गृह विभाग द्वारा संविधान निर्माताओं के अनुरूप स्वतंत्रता के पश्चात उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले ‘समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। जिसमें प्रमुख रूप से मातृशक्ति के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है। समान नागरिक संहिता के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है।हमारी सरकार द्वारा तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 01 जुलाई 2024 से राज्य में लागू किया गया।
उत्तराखण्ड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली, अधिनियम-2024 दिनांक 20 सितम्बर, 2024 को लागू किया गया। जिसमें व्यवस्था की गयी है कि राज्य में हड़ताल, बन्द, दंगा एवं विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों से सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जायेगी तथा इनमें से किसी की मृत्यु होने पर कानूनी धारायें लगाये जाने के साथ ही आरोपितों को क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।
• “ऑपरेशन स्माइल” अभियान के अन्तर्गत बच्चों / गुमशुदाओं को ट्रैस किया जा रहा है तथा “ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को मुक्त कराकर बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया जा रहा है।
• साइबर क्राइम से सम्बन्धित प्रकरणों में सहायता हेतु जनता के लिए साइबर हेल्प लाइन नम्बर 1930 जारी किया गया है। जन जागरूकता हेतु विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, बैनर होल्डिंग, पम्पलेट्स आदि के माध्यम से साइबर सुरक्षा टिप्स आमजन को साझा किये जा रहे हैं।
• यातायात प्रबन्धन के क्षेत्र में यात्रियों की सुविधा हेतु Map My India एवं Google Map के साथ हुए समझौते के आधार पर राज्य की Real Time Traffic Advisory की सुविधा Mapple/Google Map के माध्यम से आमजन को प्रदान की जा रही है।
• कारागार विभाग द्वारा उत्तराखण्ड बन्दी की मृत्यु पर विधिक उत्तराधिकारियों को प्रतिकर / मुआवजा राशि के भुगतान की नीति-2024 लागू की गयी है।
भारतीय ओलम्पिक संघ द्वारा राष्ट्रीय खेलों के मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड सरकार को प्रदान किया गया। इस हेतु खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 28 जनवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 तक विभिन्न स्थानों पर 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। हमारी सरकार की खेल नीतियों का ही प्रभाव रहा कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड के युवा खिलाड़ियों द्वारा अभूतपूर्व प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया गया। उत्तराखण्ड में हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखण्ड ने 100 से अधिक पदक प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया। विगत राष्ट्रीय खेलोंराज्य में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खेल महाकुम्भ के आयोजन में प्रत्येक वर्ष लगभग दो लाख से अधिक खिलाड़ियों (बालक एवं बालिकाओं) द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में दिव्यांग खिलाड़ियों को भी खेल का अवसर प्रदान किया जाता है।
• मा० मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना / प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 8 से 14 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह रू0 1500/- छात्रवृत्ति एवं 14 से 23 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह रू0 2000/- छात्रवृत्ति दिये जाने के साथ ही रू० 10000/- प्रति खिलाड़ी खेल उपकरण हेतु दिया जा रहा है।
• अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित / अराजपत्रित पदों पर आउट आफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
. नियोजन विभाग द्वारा राज्य में उपलब्ध संसाधनों के युक्ति संगतीकरण के लिये नीति नायोग, भारत सरकार की तर्ज पर उत्तराखण्ड में State Institute for Empowering & ransforming Uttarakhand (सेतु) का गठन किया गया है।
• उत्तराखण्ड राज्य ने सतत् विकास लक्ष्यों के अन्तर्गत संपूर्ण देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रभावी स्थानीयकरण तथा अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल संस्थाओं तथा चिन्हित व्यक्तियों को विगत दो वर्षों से “SDG Achievers Award” से सम्मानित किया जा रहा है।
• CM Conclave के एजेण्डा बिन्दु हरियाणा परिवार पहचान पत्र की तर्ज पर उत्तराखण्ड राज्य में “परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड” योजना का निर्माण किया जा रहा है। योजना से राजकीय कार्यों में पारदर्शिता एवं वास्तविक लाभार्थियों तक योजनाओं की सीधी पहुँच हो सकेगी।
औद्योगिक विकास विभाग द्वारा वैश्विक निवेशक सम्मेलन में गत् वर्ष हुए निवेश स्ताव के आधार पर ऊर्जा, आवास, विनिर्माण, आधारभूत संरचना एवं पर्यटन आदि के नत्र में निवेश की ग्राउडिंग तेजी से हो रही है।
राज्य की स्टार्टअप नीति के अंतर्गत 168 स्टार्टअप तथा 15 इन्क्यूबेटर को मान्यता प्रदान की गयी है। भारत सरकार द्वारा राज्य के 1196 स्टार्टअप को पंजीकृत किया गया है। वर्तमान में स्टार्ट बैंकिंग में बीसी में सानितस्टार्टअप को इन्क्यूबेशन सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘यू-हब’ नाम से आईटी पार्क देहरादून में इन्क्यूबेटर की स्थापना की जा रही है, जिससे राज्य में 73000 वर्ग फीट का इन्क्यूबेशन क्षेत्र उपलब्ध हो सकेगा।
• खुरपिया फार्म (किच्छा) में 1002 एकड़ भूमि पर भारत सरकार की अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) स्वीकृत किया गया है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से राज्य में विनिर्माण उद्यमों में पूंजी निवेश के प्रोत्साहन के साथ ही राज्य के युवाओं को स्थानीय स्तर पर और अधिक रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
• सूक्ष्म एवं लघु स्तर के उद्यमियों को Plug and Play Model पर उद्यम स्थापना हेतु स्थान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हरिद्वार में फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना की जा रही है।
. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा “अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” तथा “प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” का आयोजन किया गया, जिसमें प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा प्रमुख रूप से पलायन के कारण खाली हुए गांवों को गोद लेकर विकसित करने का संकल्प लिया गया। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन में 26 देशों के लगभग 60 प्रवासियों द्वारा भागीदारी की गयी। जिनके द्वारा उत्तराखण्ड में विनिर्माण, ऊर्जा, उत्पादन एवं स्टार्ट-अप में निवेश में रूचि दिखाई गयी।
• विदेश मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सहभागिता से देहरादून में विदेश सम्पर्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
• उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 25 वीं वर्षगांठ को रजत जयंती के रूप में पूरे प्रदेश में वृहद पैमाने पर धूम-धाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एवं कई महानुभावों को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया।
. आयुष विभाग द्वारा माह दिसम्बर 2024 को देहरादून में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपो का आयोजन किया गया। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न कम्पनियों एवं विख्यात आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
राज्य में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाऐं उपलब्ध कराने के दृष्टिगत अस्पतालों का गनेजी रैया चैली-जागी रैया नोनी योजना में आर०बी०एस०के० कार्यक्रम के अन्तर्गत 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों के स्वास्थ्य परीक्षण यथा हीमोग्लोबिन इत्यादि की जांच निःशुल्क की जा रही है।
• उत्तराखण्ड राज्य में नैफ्रो डायलिसिस यूनिट क्रमशः जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून एवं बेस चिकित्सालय, हल्द्वानी में लोक निजी सहभागिता के अन्तर्गत स्थापित की गयी है, जिसके अन्तर्गत बी०पी०एल० एवं एच०आई०वी० रोगियों को यह सुविधा निःशुल्क दी जाती है।
• पं० दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय, देहरादून में इनवेसिव कार्डियक केयर यूनिट स्थापित करने हेतु M/S Meditrina Hospital Pvt. Ltd, Kerala से अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया। अनुबन्ध के अन्तर्गत नवीन चयनित संस्था द्वारा राज्य के बी०पी०एल० नागरिकों को सी०जी०एच०एस० की दर पर 12 प्रतिशत की छूट प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा।
. कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा “उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के चिन्हित आन्दोलनकारियों या उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण अधिनियम-2023′” पारित किया गया, जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य की राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिन्हित आन्दोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
. समाज कल्याण विभाग द्वारा दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों को विश्व दिव्यांग दिवस पर पुरस्कार के रूप में दी जानी वाली धनराशि को₹5000 (₹ पाँच हजार) से बढ़ाकर * 8000 (रू० आठ हजार) की गयी है एवं कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि को * 3500 (रू० तीन हजार पाँच सौ) से बढ़ाकर₹7000 (रू० सात हजार) किया गया है।
• जनजातीय शोध संस्थान एवं संग्रहालय, उत्तराखण्ड द्वारा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों, छात्रावासों, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों में खेल के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय जनजाति युवा खेल महोत्सव का आयोजन किया गया।
• जनपद के दूरस्थ स्थानों में निवासरत अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को शहरी क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने हेतु समाज कल्याण विभाग द्वाराआवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है।
. पर्यटन विभाग द्वारा राज्य में पहली बार टिहरी एक्रो फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें 26 देशों के 54 विदेशी तथा 120 देशी पैराग्लाईडिंग पायलटों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
• पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनपद उत्तरकाशी के जखोल को Best Tourism Village का पुरस्कार, जनपद बागेश्वर के सूपी को Best Adventure Village पुरस्कार, जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम गुंजी एवं जनपद उत्तरकाशी के हर्षिल को Best Vibrant Village पुरस्कार प्रदान किया गया।
• बाईब्रेंट विलेज योजना के अन्तर्गत उत्तरकाशी के जांदुग गांव जो कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय खाली करवाया गया था, गांव में जीर्ण-क्षीर्ण भवनों को पुनर्निर्मित करते हुए होम स्टे के रूप में विकसित करने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है।
• पर्यटन के क्षेत्र में 01 से 05 करोड़ तक का निवेश करने वाले प्रदेश के स्थायी निवासियों / उद्यमियों को प्रोत्साहित एवं आर्थिक रूप से सबल बनाये जाने हेतु उत्तराखण्ड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024 प्रारम्भ की गयी है।
• पूरे वर्ष चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों सहित पूरे प्रदेश में पर्यटन को नया आयाम देने के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू की गई है।
. कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा सहसपुर, देहरादून स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को स्किल हब के रूप में विकसित करते हुए विदेश रोजगार प्रकोष्ठ के साथ-साथ मॉडल कैरियर सेंटर की स्थापना की गई है।
• राज्य के युवाओं को आधुनिक उद्योग की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित किये जाने हेतु राज्य के 13 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को टाटा टैक्नोलॉजी प्रा०लि० के माध्यम से उन्नयन (Upgradation) किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
• सेवायोजन कार्यालयों के अन्तर्गत संचालित कुल 16 शिक्षण एवं मार्गदर्शन केन्द्रों के माध्यम से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडा वर्ग एवंपरिवहन विभाग द्वारा वाहनों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हेतु वाहनों में वी.एल.टी. (Vehicle Location Tracking) डिवाइस संस्थापित की जा रही है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसके द्वारा एन.आई.सी के सहयोग से भारत सरकार के मानकों के अनुरूप बैकएण्ड साफ्टवेयर बनाया गया है।
सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत स्पीड रडार गन युक्त ए.एन.पी.आर. (Automated number plate recognition) कैमरों की स्थापना की जा रही है।
• ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने हेतु व्यावसायिक वाहनों में Speed Limiting Device की अनिवार्यता के फलस्वरूप वाहनों में गति नियन्त्रक उपकरण संयोजित किये जा रहे हैं।
• सार्वजनिक सेवायानों से होने वाली दुर्घटनाओं में यात्री या अन्य व्यक्ति की मृत्यु होने पर या दो अंगो की पूर्ण हानि होने पर या दोनों नेत्रों की दृष्टि की पूर्ण हानि होने पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता को दोगुना करते हुए मृतक आश्रितों को दो लाख की राहत राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
• सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नियमावली प्रख्यापित की गई है।
. नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा क्षेत्रीय सम्पर्क योजना (RCS) के अंतर्गत 13 स्थानों पर हैलीपोर्ट विकसित किये जा रहे हैं जिनमें चिन्यालीसौड़, गौचर, कोटी कॉलोनी, श्रीनगर, फलसीमा टाट्रिक, हल्द्वानी, सहस्त्रधारा, मुनस्यारी का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
. लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवम्बर, 2024 तक 116 कि०मी० मार्गों का निर्माण, 579 कि०मी० का पुनःनिर्माण तथा 11 सेतुओं का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त 18 ग्रामों को सड़क यातायात से जोड़ा गया तथा पूर्व निर्मित पक्के मोटर मार्गों में कुल 1129 कि०मी० मार्गों का नवीनीकरण कार्य किया गया।
• जनपद टिहरी गढ़वाल के विधान सभा क्षेत्र नरेन्द्रनगर के अन्तर्गत वर्ष 1929 में निर्मित लक्ष्मणझूला सेतु के समीप 132 मी० स्पान के वैकल्पिक सेतु का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसका लगभग 60% कार्य पूर्ण हो चुका है।
• वर्तमान में प्रदेश में डक्ट पॉलिसी तैयार करने हेतु अनुबन्ध गठित किया गया है। डक्ट पॉलिसी तैयार होने के उपरान्त उसे प्रथमतः प्रमुख शहरों एवं सभी फोर लेन/ टू लेन मार्गों में लागू किया जाना लक्षित है।14) आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत IIT रुड़की के माध्यम से भूकम्प चेतावनी तंत्र विकसित किया गया है, जिसके अन्तर्गत राज्य में कुल 177 सेंसर तथा कुल 112 साइरन स्थापित किये गये हैं।
• राज्य में मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी प्राप्त किये जाने हेतु 03 स्थानों पर यथा, मुक्तेश्वर-नैनीताल, सुरकन्डा-टिहरी तथा लैंसडॉउन-पौड़ी में डॉप्लर रडार स्थापित हैं, जिनसे उत्तराखण्ड राज्य में मौसम के पूर्वानुमान की और अधिक सटीक जानकारी प्राप्त हो रही हैं।
. वित्त विभाग द्वारा जी०एस०टी० के अन्तर्गत व्यापारियों के नये पंजीयन के संबंध में उत्तराखण्ड राज्य में बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू की गयी है।
• भारत सरकार द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के स्तर पर धन की उपलब्धता व कुशल नगदी प्रबंधन के उद्देश्य से राज्य आई०एफ०एम०एस०, पी०एफ०एम०एस० तथा भारतीय रिजर्व बैंक के अन्तर्गत एक वैकल्पिक निधि प्रवाह तंत्र Just in Time-SNA Sparsh को चरणबद्ध रूप से प्रारम्भ किया गया है।
• लेखा परीक्षा कार्यों के सम्पादन में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं प्रमाणिकता सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा इन्टरनल ऑडिट मैनुअल, रेवेन्यू ऑडिट मैनुअल आदि नियम संग्रह प्रख्यापित किये गये हैं।
. भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास एवं कल्याण हेतु प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के अन्तर्गत जिला खनिज फाउन्डेशन न्यास का गठन किया गया है, जिसके द्वारा जनपद स्तर पर खनिज प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्य कराये जाते है।
• प्रदेश में अवैध खनन, अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु Mining Digital Transformation and Surveillance System योजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही गतिमान है साथ ही प्रदेश में खनिजों के क्रय विक्रय हेतु ई-रवन्ना पोर्टल तैयार किया गया है।
• राज्य में खनन राजस्व गत वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना हुआ है।राज्य के राजकीय एवं राजकीय सहायता प्राप्त (अशासकीय) विद्यालयों में अध्ययनरत् कक्षा-1 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी हैं।
• शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाये जाने हेतु एवं छात्र-छात्राओं के ड्रॉपआउट पर नियंत्रण हेतु भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित विद्या समीक्षा केन्द्र को सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है।
. ग्राम्य विकास द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजनान्तर्गत ग्रामीण अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
• वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के बहुमुखी विकास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के जनपद उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ के कुल 51 गांवों का चयन किया गया है।
• राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली दो सौ पचास (250) तक की आबादी जो मोटर मार्ग संयोजन से वंचित रह गयी हैं, उन असंयोजित बसावटों को मुख्य मोटर मार्गों से संयोजन प्रदान किये जाने और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यटन, आर्थिक और सामाजिक सेवाओं को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना’ प्रारम्भ की गयी है।
. शहरी विकास विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन 2.0-शहरी के अन्तर्गत 5400 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय, 218 सामुदायिक / सार्वजनिक शौचालय तथा 105 सामुदायिक मूत्रालय निर्मित किये जाने का लक्ष्य है।
• फेरी व्यवसायियों को सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के फेरी व्यवसायियों का सर्वेक्षण कर वेंडिंग सर्टिफिकेट एवं पहचान पत्र उपलब्ध कराये गये।
• विश्व बैंक के सहयोग से 14 नगर निकायों में सम्पत्तियों की जी०आई०एस० मैपिंग, ऑनलाइन म्यूनिसिपल एक्यूरल एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
. ऊर्जा विभाग द्वारा जल विद्युत परियोजनाओं के विकास को गति प्रदान करने हेतु यूजेवीएन लिमिटेड एवं टी०एच०डी०सी० का संयुक्त उपक्रम का गठन कर कुल 489 मे०वा० क्षमता की 03 जल विद्युत परियोजनाएं एवं कुल 1230 मे०वा० क्षमता की 02 पम्प स्टोरेज परियोजनाएं आवंटित की गयी हैं।हिमाच्छादित क्षेत्र के घरेलू श्रेणी के ऐसे विद्युत उपभोक्ता जिनका मासिक विद्युत उपयोग 200 यूनिट तक है, को लागू विद्युत दरों में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गई है। अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के ऐसे उपभोक्ता जिनका अनुबन्धित विद्युत भार 01 किलोवाट तक तथा मासिक विद्युत उपयोग 100 यूनिट तक है, को भी विद्युत दरों में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गई है।
• उत्तराखण्ड राज्य पी०एम०-जनमन-योजना के अन्तर्गत बुक्सा तथा राजी जनजातियों के चिन्हित घरों को ग्रिड के माध्यम से निःशुल्क ससमय विद्युतीकृत कर इस कार्य में देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित हुआ है।
• सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल की गई है। राज्य सरकार के प्रयासों से लगभग 600 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा रही है।
. पेयजल विभाग द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत कुल 96.42 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल संयोजन सुविधा से आच्छादित किया जा चुका है तथा अवशेष ग्रामीण परिवारों को मार्च, 2025 तक नल संयोजन सुविधा से आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है।
• अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के अन्तर्गत जल आपूर्ति किये जाने हेतु स्वीकृत 22 योजनाओं में कार्य पूर्ण कर 1,05,087 व्यक्तिगत घरेलू संयोजन प्रदान किये जा चुके हैं।
. सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल परियोजना के निर्माण से देहरादून शहरी एवं उपनगरीय क्षेत्रों हेतु वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी के लिये 150 एम०एल०डी० पेयजल की आपूर्ति ग्रेविटी द्वारा सुनिश्चित की जा सकेगी। बांध निर्माण से बनने वाली झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किये जाने पर रोजगार के साथ-साथ देहरादून के समीप एक नया Tourist Destination भी तैयार होगा।
• जनपद पौड़ी गढवाल के द्वारीखाल विकासखण्ड में पूर्वी नयार नदी पर सतपुली बैराज योजना के निर्माण से पेयजल आपूर्ति, सिंचाई हेतु पानी, ग्राउन्ड वाटर रिचार्ज एवं राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
• वित्तीय वर्ष 2024-25 में लघु सिंचाई कार्यक्रमों के अन्तर्गत 4910 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन किया गया।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी योजना के अन्तर्गत 187 सिंचाई हौज, 96.63 कि०मी० पाईपलाईन एवं 256 कि0मी0 सिंचाई गूल क निर्माण किया गया।
• प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (PM-KUSUM) के अन्तर्गत 473 डीजल पम्पसेट को सोलर पम्पसेट में परिवर्तित किया जा चुका है।
.महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटियों के जन्म को सकारात्मक बनाने एवं शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी की महत्वकांक्षी योजना बेर्ट बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को उत्तराखण्ड की ओर से सशक्त बनाने के उद्देश्य से नंदागौरा योजना संचालित की जा रही है।
• मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के अन्तर्गत प्रसूता महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु सामग्रीयुक्त किट प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत प्रतिमाह बच्चों को फोर्टिफाईड दुग्ध प्रदान किया जा रहा है।
. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक विकास रोजगार के अवसर उत्पन्न करने, उनके पारम्परिक कौशल का संरक्षण, पुनर्जीवीकरण एक उन्नयन करने एवं कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण देते हुए स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री हुनर योजना’ संचालित की जा रही है, जिसके अन्तर्गत मदरसो को जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है, ताकि मदरसे में अध्ययनरत छात्र/छात्राये स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हो सकें।
• अल्पसंख्यक बालिकाओं के ड्रॉपआउट दर को कम करने तथा उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित किए जाने हेतु 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली मेधावी बालिकाओं को ‘मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत अधिकतम ₹25,000/- ( पच्चीस हजार मात्र) तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
. कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा गंगा नदी स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत “नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजना” का संचालन किया जा रहा है।राज्य में उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कीवी मिशन का क्रियान्वयन प्रदेश के 05 जनपदों (चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर व चम्पावत) में किया जा रहा है।
• प्रदेश के सुदूरवर्ती, लघु एवं सीमान्त कृषकों तक कृषि यंत्रीकरण की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से 3398 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की गयी है।
. गन्ना चीनी विभाग द्वारा राज्य में गन्ने के प्रति हेक्टेयर उत्पादन में वृद्धि किए जाने एवं चीनी मिलों को उनकी आवश्यकता के अनुसार गन्ना उपलब्ध कराने के दृष्टिगत गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं प्रदेश के बाहर के शोध केन्द्रों द्वारा विकसित उन्नतशील गन्ना प्रजातियों की आधार एवं प्राथमिक पौधशालायें अधिष्ठापित करायी जा रही है।
• चीनी मिल किच्छा एवं बाजपुर के लघु आधुनिकीकरण अन्तर्गत ब्वायलर एवं अन्य आवश्यक उपकरण में तकनीकी परिवर्तन / अपग्रेडेशन कराया गया, जिससे चीनी मिल में बैगास/विद्युत खपत में कमी आयी है और चीनी परता में वृद्धि हुई है।
. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के प्राथमिक परिवार एवं अन्त्योदय परिवार के लगभग 14 लाख परिवारों को प्रति राशनकार्ड 08 रू प्रति कि०ग्रा० की दर से प्रतिमाह 01 कि०ग्रा० नमक सब्सिडाईज्ड दरों पर वितरण किया जा रहा है।
• संयुक्त राष्ट्र-विश्व खाद्य कार्यक्रम (UN-WFP) के सहयोग से राज्य में 21 ग्रेन एटीएम स्थापित किये गये हैं, जहां से उपभोक्ताओं को बायोमैट्रिक के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
• मुख्यमंत्री अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के अन्तर्गत अन्त्योदय राशनकार्डधारक परिवारों को तीन गैस सिलेण्डर रिफिल निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा उक्त योजना को वित्तीय वर्ष 2026-27 तक विस्तारित कर दिया गया है।
. पशुपालन विभाग द्वारा ग्राम्य गोसेवक योजनान्तर्गत निराश्रित नर गोवंशीय पशुओं को आश्रय प्रदान करते हुए रू0 80.00 प्रतिदिन / प्रति पशु की दर से भरण पोषण अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
.सरकार के नीतिगत एवं अभिनव प्रयासों से मात्स्यिकी क्षेत्र का समुचित विस्तार हो रहा है एवं इस वर्ष भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य हेतु उत्तराखण्ड को पुरस्कृत किया गया है साथ ही जनपद ऊधमसिंहनगर में राज्य स्तरीय इण्टीग्रेटेड एक्वापार्क एवं आधुनिक फिश मार्केट का निर्माण कराया जा रहा है।
• राज्य के बकरी बाहुल्य क्षेत्रान्तर्गत बकरी इकाई हेतु गोट वैली एवं कुक्कुट पालन में स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में ब्रायलर फार्म की स्थापना की जा रही है।
• संयुक्त उद्यम माडल पर श्रीनगर में Cow dung व Bio mass based Bio gas संयंत्र की स्थापना की जा रही है।
. सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा ‘अपुणि सरकार’ परियोजना के अन्तर्गत अनेक जनकेन्द्रित सेवायें नागरिकों को प्रदान की जा रही है। अपुणि सरकार पोर्टल को भारत सरकार के प्रशासनिक एवं लोक शिकायत विभाग के NesDA फ्रेमवर्क द्वारा देशभर में बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में पहचान मिली है।
• उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र (यू-सैक) द्वारा प्रदेश के विभिन्न विभागों की भूमि/परिसंपत्तियों पर अतिक्रमण को रोके जाने एवं हटाये जाने हेतु उत्तराखण्ड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेन्ट सिस्टम (UKGAMS) पोर्टल तैयार किया जा रहा है।
• उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान प्रौद्यागिकी परिषद् (यू-कॉस्ट) द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सहयोग से विज्ञान धाम, झाझरा, देहरादून में सांइस सिटी की स्थापना हेतु कार्य गतिमान है।
• उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत वर्तमान में 1015 महत्वपूर्ण सेवाएं अधिसूचित हैं।
. वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा एक पेड़ माँ के नाम Hashtag का प्रयोग कर वृहद वृक्षारोपण के अन्तर्गत 30250.23 है0 में 206.43 लाख पौध रोपित की गयी।
• राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2023 में ईको टूरिज्म नीति घोषित की गयी है। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं इससे अतिरिक्त आजीविका के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु 18 ईको टूरिज्म गन्तव्यों को विकसित किया जा रहा है।मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने व जंगली जानवरों से खेती की रक्षा हेतु बायोफेसिंग, बन्दरों का बन्ध्याकरण, फारेस्ट लैण्डस्केप रेस्टोरेशन सहित वनों के घनत्व में वृद्धि हेतु कार्य किये जा रहे हैं।
• राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण की रोकथाम व प्रदूषण में कमी लाने के उद्देश्य से औद्योगिक इकाईयों में प्रदूषणकारी ईंधन के रूप में फर्नेस ऑयल के प्रयोग को पूर्ण रूप से बन्द किया गया है।
. पंचायतीराज विभाग द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के कार्यों में गति लाने हेतु ई-निविदा के माध्यम से राज्य के 95 विकास खण्डों में कॉम्पैक्टर की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में कुल 88 कॉम्पैक्टर स्थापित किये जा चुके हैं।
• पंचायत भवन विहीन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा पंचायत भवन निर्माण विशेष योजना के तहत पंचायत भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
. तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा उद्योगों की मांग एवं राज्य को ज्ञान आधारित हब के रूप में विकसित करने हेतु प्रदेश के 15 पॉलिटेक्निक संस्थानों में नई प्रौद्योगिकियों यथा Automation & Robotics, Civil & Environmental Engg., Aircraft Maintenance Engg., Gaming & Animation, Artificial Intelligence & Machine Learning, Communication & Computer Networking जैसी Emerging Technology के नये पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
• वीर माधों सिंह भण्डारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य में तकनीकी कार्यों को सफलता पूर्वक संचालित करते हुए प्रदेश के अन्दर पहली बार ‘ऑनलाइन पोर्टल से समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से प्रवेश सम्बन्धी समस्त कार्य संपन्न कराये जा रहे है।
. राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा उत्तराखण्ड निवास, नई दिल्ली नवीन भवन का निर्माण कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका हैं।
• अयोध्या धाम में श्री राम मन्दिर के समीप समस्त प्रदेश हेतु आरक्षित भूमि में से प्रदेश हेतु लगभग 1.16 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। उक्त भूमि में प्रदेशवासियों व महानुभावों / अधिकारीगणों हेतु अतिथि गृह के निर्माण के संबंध में विभागीय कार्यवाही गतिमान है।सैनिक कल्याण विभाग द्वारा जनपद देहरादून के गुनियाल गांव में शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है एवं विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर शहीद द्वार / स्मारकों का निर्माण कराया जा रहा है।
.श्रम विभाग द्वारा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों का एकीकृत राष्ट्रीय डाटा बेस निर्मित करने हेतु भारत सरकार द्वारा आरम्भ ई-श्रम पोर्टल में 16 से 50 आयु वर्ग के कामगारों के पंजीकरण की प्रक्रिया सत्त रूप से गतिमान है।
• कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अन्तर्गत पंजीकृत लाभार्थियों एवं उनके आश्रितों को धनवन्तरी माड्यूल के माध्यम से चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करायी जा रही है।
. आबकारी विभाग द्वारा बाहरी प्रदेशों से शराब की तस्करी एवं अवैध शराब के व्यवसाय पर प्रभावी रोक लगाने हेतु विभाग में ट्रैक एण्ड ट्रैस प्रणाली लागू किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है। जिससे अवैध मदिरा के विक्रय के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में मदिरा उत्पादन व विक्रय करने वाले समस्त अनुज्ञापनों पर पूर्ण नियंत्रण व निगरानी सम्भव हो पायेगी।
. संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग द्वारा धार्मिक आस्था के महत्वपूर्ण केन्द्र प्रदेश के लगभग 100 वर्ष पुराने देवालयों, मंदिरों, स्थलों एवं स्मारकों का वृहद सर्वेक्षण कर उनके विकास हेतु विरासत का अंगीकार से जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
• संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन संचालित ललित कला अकादमी का क्षेत्रीय कार्यालय एकीकृत हिमालय सांस्कृतिक परिसर गढ़ीकेन्ट देहरादून में स्थापित किया जायेगा।
. जलागम विभाग द्वारा उत्तराखण्ड के चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में पर्वतीय कृषि को लाभदायक तथा ग्रीन हाउस गैस न्यूनीकरण हेतु सक्षम बनाने के लिए सुदृढ़ उत्पादन प्रणाली विकसित करने हेतु ‘उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना राज्य के 08 जनपदों के 13 विकासखण्डों के चयनित 1,005 राजस्व ग्रामों में संचालित की जा रही है।
• विभाग द्वारा राज्य स्तरीय Spring And River Rejuvenation Authority (SARRA) का गठन किया गया है जिसका उद्देश्य राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों एवं नदियों का चिन्हीकरण, जल उत्सर्जन में वृद्धि, मापन एवं अनुश्रवण तथा वर्षा आधारित नदियों के चिरस्थायी प्रवाह हेतु स्थानीयसहभागिता एवं वैज्ञानिक पद्धतियों से वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चैकडैम आदि के माध्यम से उनका उपचार करते हुये सतत उपयोग सुनिश्चित करना है।
. सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा सांस्कृतिक दलों के माध्यम से ग्रामीण अंचलों तक राज्य सरकार की विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
• राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क शूटिंग व्यवस्था एवं आकर्षक फिल्म नीति लागू की गई है तथा शूटिंग हेतु अनुमति सिंगल विन्डों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
.न्याय विभाग के माध्यम से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कुल 14,654 विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविरों / कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही कुल 3,421 व्यक्तियो को निःशुल्क कानूनी सहायता के अन्तर्गत अधिवक्ताओं की सुविधा प्रदान करायी गयी एवं 13,313 व्यक्तियों को निःशुल्क कानूनी सलाह / परामर्श दिया गया।
.सहकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के अन्तर्गत पशुपालकों एवं पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं को सहकारी समितियों के माध्यम से सायलेज / पशुआहार वितरित किया जा रहा है।
• राज्य में कार्यशील पैक्स को उर्वरक खुदरा विक्रेता के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में 460 पैक्सों में प्रधानमंत्री समृद्धि केन्द्र खोले जा चुके हैं।
विशेष रूप से उल्लेख करना है कि उत्तराखण्ड राज्य में वर्ष 2000-2001 में प्रति व्यक्ति आय रू0 16,232 (सोलह हजार दो सौ बत्तीस) थी, जो वर्ष 2023-24 में रू0 2,46,178 (दो लाख छियालिस हजार एक सौ अठहत्तर) हो गयी है, जो हमारी राज्य की निरन्तर प्रगति को दर्शाता है। राज्य में बेरोजगारी दर में कमी आई है। राज्य सरकार द्वारा पारदर्शी और नकल विहीन परीक्षाओं का आयोजन किया गया, जिससे राज्य के प्रतिभावान युवाओं को सरकारी सेवाओं में निरंतर अवसर मिल रहे हैं।
मेरे द्वारा हमारी सरकार के विगत वर्ष में किये गये विकास कार्यों का संक्षिप्त विवरण के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये सरकार की प्राथमिकताओं का संक्षिप्त विवरण आपके समक्ष रखा है। सरकार निष्ठापूर्वक अपने संकल्पों एवं लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिये प्रतिबद्ध है। सरकार की प्राथमिकता राज्य को विकसित राज्य की श्रेणी में ले जाना है। हमारी सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में अमन चैन का माहौल कायम रहे। प्रदेश में निवास करने वाले सभी धर्म, समुदाय और वर्ग के लोग परस्पर प्रेम और सौहार्द के साथ जीवन यापन करें।